सुप्रीम कोर्ट ने राजद्रोह कानून पर लगाई रोक, जेल में बंद आरोपी भी लगा सकेंगे जमानत अर्जी

केंद्र या राज्य सरकार 124A के तहत कार्रवाई नहीं कर सकेंगे, कोर्ट ने इसके तहत कोई भी नया मामला दर्ज करने पर रोक लगा दी

Updated: May 11, 2022, 08:43 AM IST

Courtesy:  Ndtv
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दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने राजद्रोह कानून पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने कहा है कि पुनर्विचार तक इसका इस्तेमाल नहीं किया जा सकेगा। यानि अब कोई भी केंद्र या राज्य सरकार 124A के तहत कार्रवाई नहीं कर सकेगी। कोर्ट ने इसके तहत कोई भी नया मामला दर्ज करने पर रोक लगा दी है। इसके साथ ही लंबित मामलों को यथास्थिति रखने का निर्देश भी दिया है। कोर्ट ने ये भी कहा कि जिनके भी खिलाफ राजद्रोह के तहत मुकदमें चल रहे हैं या जेल में बंद हैं, वे जमानत के लिए समुचित अदालत में अर्जी दाखिल कर सकेंगे। 

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राजद्रोह कानून की संवैधानिक वैधता पर सवाल उठते रहे हैं। इसी पर सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को सुनवाई हुई थी। इस मसले पर सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने केंद्र सरकार का पक्ष रखते हुए कहा कि हमने राज्यों को जारी करने वाले आदेश का मसौदा तैयार कर लिया है। जिसके तहत बिना पुलिस कप्तान या एसपी या उससे ऊंचे स्तर के अधिकारी की मंजूरी के बिना राजद्रोह की धाराओं में केस नहीं दर्ज किया जाएगा। 

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तुषार मेहता ने कहा कि ये जमानती धारा है और सभी लंबित मामलों की गंभीरता का विश्लेषण या आकलन कर पाना बेहद मुश्किल काम है। ऐसे में कोर्ट इस पर  रोक कैसे लगा सकती है। वहीं याचिकाकर्ताओं की तरफ से दलील रखते हुए वकील कपिल सिब्बल ने राजद्रोह कानून पर तत्काल रोक लगाने की बात कही।

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इस मामले पर कोर्ट ने कहा कि नागरिकों के अधिकारों की रक्षा सर्वोपरि है। इस कानून का दुरुपयोग हो रहा है। कोर्ट ने कहा कि जब तक पुनर्विचार नहीं हो जाता, तब तक इस कानून की धाराओं में अपराध नहीं दर्ज किया जा सकता है। बात दें कि इस मामले की सुनवाई तीन जजों की बेंच कर रही है। जिनमें चीफ जस्टिस एनवी रमणा, जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस हिमा कोहली शामिल हैं।