भोपाल। मध्य प्रदेश में कोरोना का संक्रमण लगातार बढ़ता ही जा रहा है। प्रदेश में कोरोना की रफ्तार पर ब्रेक अब तक नहीं लग पाई है। प्रदेश में जांच और इलाज समय पर नहीं होने की वजह से बीस फीसदी कोरोना मरीजों ने दम तोड़ दिया है। यह आरोप पूर्व विधानसभा स्पीकर नर्मदा प्रसाद प्रजापति ने राज्य सरकार के ऊपर लगाया है।

पूर्व विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति ने राज्य सरकार पर कोरोना के संबंध में कोताही बरतने का आरोप लगाया है। शुक्रवार को पत्रकार वार्ता के दौरान प्रजापति ने कहा कि राज्य सरकार की लापरवाहियों का ही नतीजा है कि प्रदेश में अब तक कोरोना को नियंत्रित नहीं किया जा सका है। प्रजापति ने कहा कि प्रदेश में बीस फीसदी मरीज़ जांच और इलाज समय पर न हो पाने के कारण अपनी ज़िन्दगी से हाथ धो बैठे हैं। जिसके लिए पूर्णतः राज्य सरकार जिम्मेदार है। 

प्रदेश में कोरोना संक्रमण के कारण अब तक 1065 लोगों की मौत हो चुकी है। जिसके लिए प्रजापति ने राज्य सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। बता दें कि प्रदेश में अब तक कोरोना के 41 हज़ार से ज़्यादा मामले आ चुके हैं। जिसमें से 1065 लोगों की मौत हो चुकी है। गनीमत है कि 31 हज़ार से ज़्यादा लोग कोरोना के संक्रमण से मुक्त हो चुके हैं।

राज्य सरकार सत्र क्यों नहीं बुला रही है? 
अपनी पत्रकार वार्ता के दौरान एनपी प्रजापति ने राज्य सरकार पर विधानसभा का सत्र न बुलाने का आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार संविधान में छेड़छाड़ करने की आदि हो चुकी है। प्रजापति ने कहा कि राज्य सरकार के किसी भी फैसले पर मुहर स्पीकर लगाता है। यह प्रोटेम स्पीकर के जरिए नहीं हो सकता। आपको बता दें कि इस समय विधानसभा का कोई स्पीकर नहीं है। बीजेपी विधायक रामेश्वर शर्मा को प्रोटेम स्पीकर नियुक्त किया गया है। 

वहीं दूसरी तरफ एनपी प्रजापति ने सुप्रीम कोर्ट में राज्य सरकार के खिलाफ अपनी कैबिनेट में तय संख्या दे अधिक मंत्रियों को शामिल करने की याचिका सुप्रीम कोर्ट में दायर कर रखी है। यह मामला अभी सुप्रीम कोर्ट में लंबित है।