बैतूल। अगर पत्नी 15 बार पति को जेल भेज चुकी हो और 11 साल से उससे अलग रह रही हो, तो शायद ऐसे में दोनों के बीच सुलह की गुंजाइश नहीं बचती। लेकिन मध्य प्रदेश के बैतूल जिला कोर्ट में ऐसे ही एक मामले में पति-पत्नी साथ रहने को राजी हो गए हैं। 11 साल से अलग-अलग रह रहे पति-पत्नी ने कटुता भुलाकर साथ रहने का फैसला किया है। ऐसा उन्होंने इसलिए किया क्योंकि उनके बेटे को गंभीर बीमारी है। बेटे के बेहतर इलाज के लिए दोनों ने आपसी सुलह की और एक दूसरे को वरमाला पहनाई।

पाथाखेड़ा निवासी चंद्रशेखर साहू और पत्नी ममता साहू का विवाह 2005 में हुआ था। 2009 में ममता ने पति चंद्रशेखर साहू के खिलाफ घरेलू हिंसा और दहेज प्रताड़ना का केस दर्ज कराया था।  इन 11 सालों में 15 बार चंद्रशेखर के नाम गिरफ्तारी वारंट जारी हुआ और उसे जेल जाना पड़ा। इस बीच उनके बेटे को टीबी हो गई। बेटे की बीमारी के इलाज के लिए पति और पत्नी ने कटुता भुलकर साथ रहने का फैसला किया।

चंद्रशेखर साहू ने कहा, ‘जब मुझे पता चला कि मेरे बेटे को गंभीर बीमारी है तो मुझसे रहा नहीं गया, मेरा मन बहुत दुखी हुआ। मुझे लगा कि मेरी वजह से मेरे बेट को कोई तकलीफ नहीं होनी चाहिए। जो मेरी पत्नी ने किया वो बीत चुका है और अब मुझे अपने बेटे का भविष्य देखना है।’ वहीं दोनों के वकीलों ने भी पति-पत्नी को समझाया। जिसके बाद वे साथ रहने को राजी हुए।