भोपाल। राजा भोज वेटलैंड यानी बड़ा तालाब की शान कहि जाने वाली जलपरी (क्रूज मोटर बोट) अब बड़े तालाब में नहीं चलेगी। एनजीटी ने इस अवैध बताते हुए इसके संचालन पर रोक लगा दी है। भोपाल के बड़ा तालाब सहित नर्मदा नदी और प्रदेश के किसी भी जलाशय में अब क्रूज मोटर बोट नहीं चल सकेंगीं। एनजीटी ने यह आदेश दिया है कि जिस वॉटर परियोजना का उपयोग सिंचाई या पेयजल आपूर्ति के लिए होता है उसमें बड़ी मोटर बोट(क्रूज) नहीं चल सकते हैं।

बीयू के पूर्व प्रोफेसर सुभाष पांडेय की याचिका पर जिस्टिस सुधीर अग्रवाल और अफरोज अहमद की जूरी ने यह आदेश दिया है। जिसमें सरकार को 3 महीने का समय दिया गया है। आदेश में कहा गया है कि प्रदेश के किसी भी वेटलैंड(जिसका जल पीने और सिंचाई में उपयोग किया जाता है) में क्रूज या भारी इंजन वाले मोटर बोट न चलाए जाएं और जहां चल रहे हैं उन्हें बंद करें। राज्य सरकार को तीन महीने में इसकी रिपोर्ट एनजीटी को देनी है।

भोपाल के बड़ा तालाब में चलने वाली जलपरी(क्रूज) पर एनजीटी ने कहा कि 1974 वॉटर एक्ट, 1981 एयर एक्ट और पर्यावरण संरक्षण 1986 के तहत किसी भी वैधानिक संस्था से क्रूज के लिए मंजूरी नहीं ली गई ये एक अवैध गतिविधि है। इसे तत्काल बंद कराएं। इस तरह के क्रूज में 125 हार्स पॉवर की मोटर प्रयोग में लाई जा रही हैं। जिससे जल में एसिड की मात्रा बढ़ रही है। जो जलीय जीवों, इंसानों और खेतों के लिए हानिकारक है। इससे जल में नाइट्रोजन, कार्बन डाईऑक्साइड, हाइड्रोकार्बन जल में घुल रहे हैं जो घातक हैं।

सरकार ने इसपर कहा कि भोज वेटलैंड में चलने वाली क्रूज औद्योगिक गतिविधि है। पर्यटन विकास निगम ने क्रूज को औद्योगिक गतिविधि बताकर इसे एनजीटी के अधिकारी क्षेत्र से बाहर बताया। इसपर एनजीटी ने कहा इससे न उत्पादन होता है न यह ट्रांसपोर्ट का काम करती है। ये केवल व्यवसायिक गतिविधि है। एनजीटी ने सुझाव दिया कि दुनिया के अन्य देशों की तरह फोर स्ट्रोक इंजन वाली बोट पर विचार किया जाना चाहिए। जिससे पॉल्यूशन कम हो। 

बता दें एनजीटी की रोक के बाद प्रदेश की कई वॉटर क्रूज परियोजना रुक जाएंगी। मध्य प्रदेश सरकार ने भोपाल के बड़े तालाब में जलपरी से भी बड़ा क्रूज चलाने की बात कही थी। इसके साथ ही दो क्रूज परियोजना प्रस्तावित हैं जिसमें नर्मदा से सरदार सरोवर बांध (गुजरात) तक और तवा से मढ़ई तक क्रूज चलाने की योजना शामिल है। इन्हें 2021 में पर्यटन विभाग ने मंजूर किया था। अब इन्हें रोकना पड़ सकता है।