मध्यप्रदेश में 26 मार्च को होने वाले राज्यसभा चुनाव के लिए कांग्रेस की ओर वरिष्ठर नेता दिग्विजय सिंह ने विधानसभा भवन जा कर नामांकन पत्र दाखिल किया। उनके साथ उनकी पत्नी अमृता राय, वरिष्ठ  नेता रामेश्वर नीखरा, मप्र सरकार में सहकारिता मंत्री डॉ. गोविंद सिंह, नगरीय प्रशासन मंत्री तथा दिग्विजय सिंह के पुत्र जयवर्द्धन सिंह, जनसंपर्क मंंत्री पीसी शर्मा, प्रदेश कांग्रेस के कोषाध्यक्ष गोविंद गोयल, पार्षद गुड्डु चौहान आदि नेता एवं समर्थक उपस्थित थे।

 
नामांकन दाखिल करने के बाद सिंह ने कमनाथ सरकार को गिराने के भाजपा के हथकंडों पर साधा निशाना। उन्होंने कहा कि भाजपा मध्यप्रदेश में जनता की चुनी हुई कमलनाथ सरकार के लिए  संकट पैदा कर रही है। कांग्रेस के 19 विधायक भाजपा के कब्जे में हैं। परिवार के लोग उनसे बात नहीं कर पा रहे हैंं। मुख्यमंत्री कमलनाथ फ़्लोर टेस्ट के लिए तैयार है।

सिंह ने कहा कि अजीब बात है कि बीजेपी नेता कांग्रेस के विधायकों के इस्तीफे लेकर आते हैं। अभी इस्तीफे स्वीकार नहीं हुए है। जहां तक मेरी जानकारी है स्पीकर ने उन्हें नोटिस दिए है। विधायक आकर इस्तीफे देने के संबंध में चर्चा करें, फिर आगे की बात होगी। जब तक विधायक खुद सामने नहीं आते है तब तक कैसा फ्लोर टेस्ट? 

मीडिया से चर्चा में सिंह ने कहा कि मैं अपनी आखिरी सांस तक कांग्रेस के लिये काम करूंगा। मेरे लिए पद नहीं विचारधारा महत्वपूर्ण है। मैंने कहा था कि यदि 2003 में सरकार नहीं बनेगी तो मैं 10 साल तक चुनाव नहीं लडूंगा। देश की सामाजिक समरसता को मिटाया जा रहा है। हम सबको बीजेपी के दुष्प्रचार के खिलाफ़ एक होकर लड़ना होगा। मेरे मुख्यमंत्री काल के दौरान किसी भी कट्टर हिन्दू-मुसलमान ने विवादित बयान नहीं दिया।