अशोकनगर। अशोकनगर में खाद न मिलने से परेशान होकर आत्महत्या करने वाले किसान को अब शिवराज सरकार ने किसान मानने से ही इंकार कर दिया है। अपने 3 बीघे जमीन में खाद की किल्लत की वजह से 44 वर्षीय किसान ने बुधवार रात को ज़हर खाकर आत्महत्या कर ली थी। बताया जा रहा था कि मृतक किसान धनपाल यादव पिछले पंद्रह दिनों से खाद के लिए भागदौड़ कर रहे थे।

मामला तूल पकड़ने के बाद जब विपक्ष के दबाव में कार्रवाई की मांग उठी तो ज़िला प्रशासन ने आत्महत्या करने वाले व्यक्ति को किसान मानने से ही मना कर दिया। प्रशासन के मुताबिक मृतक एक किसान नहीं बल्कि एक ड्राइवर था। पुलिस की तरफ से जारी प्रेस नोट में भी कहा गया कि मृतक की पत्नी या परिजनों द्वारा खेती अथवा खाद के बारे में जिक्र तक नहीं किया गया है। उन्होंने पुलिस को ज़हर तक की बात नहीं बताई। कलेक्टर आर उमामहेश्वरी ने बयान जारी कर बताया कि जांच में मृतक के पास कोई भी ज़मीन होना नहीं पाया गया बल्कि जानकारी है कि वह एक ड्राइवर के तौर पर काम करता था। 

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धनपाल के परिजनों का कहना है कि उनपर पहले से भी 2.5 लाख का कर्ज था जिसको लेकर वह दुखी रहते थे। धनपाल की पत्नी ने कहा, ‘भारी बरसात की वजह से खेतों में पानी भर गया था। यह सरसों की बुआई का समय था और खाद भी 20 फीसदी मंहगे मिलने लगे थे। मेरे पति के पास दूसरा काम साथ में करने के अलावा कोई उपाय नहीं था।’ धनपाल के भाई ने बताया, ‘ज़मीन मेरे पिताजी के नाम पर थी इसका मतलब यह नहीं कि हम किसान नहीं हैं। केवल 3 बीघा ज़मीन में खेती करके घर नहीं चल सकता। सर पर इतना कर्ज था और कर्ज देने वाले भी लगातार परेशान कर रहे थे। इसलिए मेरे भाई को खेती के अलावा दूसरा काम भी करना पड़ता था। 

दरअसल, अशोकनगर जिले के ईशागढ थाना एरिया अंतर्गत बड़ी पिपरोल गांव में धनपाल यादव ने आत्महत्या की है। मृतक किसान के भतीजे जयपाल यादव ने बताया कि उसके चाचा ने गेहूं में डालने वाली कीटनाशक दवा सल्फास खाकर प्राण त्याग दिए थे। परिजनों के मुताबिक धनपाल यादव करीब 3 बीघे में खेती करते थे। पिछली सोयाबीन की फसल बर्बाद होने के कारण उन्हें काफी नुकसान झेलना पड़ा था। इस बार रबी सीजन में बुआई को लेकर वे बहुत परेशान हो गए थे। चूंकि, बुआई का समय गुजर रहा है और यहां खाद नहीं मिल रहा, तो धनपाल को पिछले करीब 15 दिनों से खाद के लिए सोसायटी के चक्कर काटने पड़ रहे थे। 

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बुधवार करीब रात 8 बजे सिस्टम से तंग आकर उन्होंने सल्फास की गोलियां खा ली। इसके बाद उनकी तबियत बिगड़ने लगी। घरवालों को जब पता चला तो वे आनन-फानन में उन्हें ईसागढ़ स्वास्थ्य केंद्र लेकर पहुंचे। यहां डॉक्टरों ने उन्हें जिला अस्पताल रेफर कर दिया। हालांकि, रास्ते में ही उनकी मौत हो गई।