भोपाल। मध्य प्रदेश के बिजली उपभोक्ताओं के लिए जल्द ही एक और बुरी ख़बर आने की आशंका है। राज्य में बिजली की दरें अप्रैल से एक बार फिर बढ़ सकती हैं। दरअसल मध्य प्रदेश पावर मैनेजमेंट कंपनी ने राज्य के विद्युत नियामक आयोग को बिजली की दरें बढ़ाने का प्रस्ताव भेज भी दिया है। अगर कंपनी का प्रस्ताव मंज़ूर हो गया तो अप्रैल से राज्य की जनता के लिए बिजली का बिल 6 फ़ीसदी तक बढ़ सकता है। 

जनवरी से मार्च तक के तीन महीनों के लिए बिजली की दरें 1.98 फ़ीसदी पहले ही बढ़ाई जा चुकी हैं। ऐसे में तीन महीने बाद ही 6 फ़ीसदी की बढ़ोतरी मंदी के दौर पर आम लोगों का बजट बुरी तरह बिगाड़ सकती हैं। सरकार ने हाल ही में इनकम टैक्स देने वालों को सौ रुपये में सौ यूनिट बिजली देने की योजना के दायरे से बाहर करने का फ़ैसला करके मध्य वर्ग को बड़ा झटका दिया है। अब अगर एक बार फिर से दरों में बढ़ोतरी हुई तो आर्थिक दिक़्क़तें और बढ़ जाएँगी। ऐसा हुआ तो राज्य में बिजली की दरें चार महीने में दूसरी बार बढ़ जाएंगी।

मध्य प्रदेश पावर मैनेजमेंट कंपनी ने बिजली की दरों में बढ़ोतरी के लिए दलील यह दी है कि उसे अपने खर्चे पूरे करने के लिए साल में 44 हजार 814 करोड़ रुपये का राजस्व चाहिए, जिसमें मौजूदा स्थिति के हिसाब से क़रीब 3000 करोड़ रुपये का राजस्व कम आने का अनुमान है। कंपनी का कहना है कि राजस्व में इस कमी को दूर करने के लिए एक बार फिर से बिजली की दरें बढ़ाना ज़रूरी है।

प्रस्ताव मंजूर हो गया तो कितना बढ़ेगा आपका बिजली बिल

अगर बिजली की दरों में 6 फ़ीसदी बढ़ोतरी का प्रस्ताव मंज़ूर हो गया तो आपका बिजली बिल कितना बढ़ सकता है, इसका कैलकुलेशन कुछ इस तरह है। सौ यूनिट बिजली के लिए अभी बिना सब्सिडी के 673 रुपये देने पड़ते हैं, रेट बढ़ने पर 694 रुपये 50 पैसे देने होंगे। 200 यूनिट के लिए अभी 1774 रुपए देने होते हैं, बाद में 1852 रुपये देने होंगे। इसी तरह 300 यूनिट के लिए 2767 रुपये की जगह 2887 रुपये और 400 यूनिट के लिए 3690 रुपये की बजाय 3852 रुपये चुकाने पड़ सकते हैं। अनुमानित बढ़ोतरी के इन आँकड़ों में एनर्जी चार्ज, फिक्स चार्ज, फ्यूल कास्ट एडजस्टमेंट और ड्यूटी को भी जोड़ा गया है। अभी प्रदेश के बिजली उपभोक्ताओं को 100 और 150 यूनिट तक की खपत पर इंदिरा गृह ज्योति योजना के तहत बिजली बिल में सब्सिडी दी जा रही है।