मैहर। मध्य प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाएं बदहाल हैं। राज्य में प्रतिदिन बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्था और बदइंतजामी की कहानियां बयां करती तस्वीरें सामने आ रही है। इस बार सतना जिले से सरकारी व्यवस्था की पोल खोलती हुई तस्वीर सामने आई है। यहां एक बच्ची को फर्श पर बैठाकर ब्लड चढ़ाया जा रहा था। स्टैंड के जगह उसकी मांग को ब्लड की थैली पकड़ा दी गई। हैरानी की बात ये है कि कलेक्टर के दखल पर भी बच्ची को बेड नहीं मिल सका।

मामला सतना जिले के मैहर सिविल अस्पताल का है। बालिका का नाम संतोषी केवट बताया जा रहा है। संतोषी के शरीर में हीमोग्लोबिन की कमी थी। उसे खून चढ़ाया जाना था। परिजनों ने ब्लड का इंतजाम किया और बुधवार सुबह उसे लेकर अस्पताल पहुंचे। लेकिन यहां डॉक्टरों ने मरीज़ा के साथ लापरवाही बरती। अस्पताल में बेड खाली नहीं होने के कारण संतोषी को फर्श पर बैठाकर ही खून चढ़ाया जाने लगा। 

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इतना ही नहीं स्टैंड की व्यवस्था तक नहीं की गई थी। बच्ची की मां को ही स्टैंड बनाकर थैली पकड़ा दी गई और उन्हें कहा गया कि जबतक पूरा खून नहीं चढ़ जाता आप इसी तरह खड़ी रहें। सोशल मीडिया पर किसी ने इसकी तस्वीर वायरल कर दी। मामले को संजीदगी से लेते हुए सतना कलेक्टर ने भी दखल दी, लेकिन बेड नहीं मिल सका।

कलेक्टर के दखल के बाद संतोषी के लिए फर्श पर ही चादर बिछा दी गई और एक स्टैंड भी लाया गया। फर्श पर ही लेटा कर ब्लड ट्रांसफ्यूजन की प्रक्रिया पूरी की गई। मामला तूल पकड़ने के बाद अब कलेक्टर अनुराग वर्मा ने मैहर सिविल अस्पताल के इंचार्ज डॉ प्रदीप निगम तथा नर्स अंजू सिंह की दो वेतन वृद्धि तत्काल प्रभाव से रोकने के निर्देश दे दिए हैं।