छतरपुर। मध्य प्रदेश में खाद संकट लगातार गहराता जा रहा है। हालात ये हैं कि किसान दो-दो दिन लाइन में खड़े रहने के बाद भी खाद नहीं पा रहे हैं। राज्य में खाद की कतार में दो किसानों की मौत हो चुकी है। केंद्र सरकार ने कहा है कि खाद की कालाबाजारी में मध्य प्रदेश देशभर में तीसरे स्थान पर है। इसपर राज्य के कृषि मंत्री ने तर्क दिया कि कार्रवाई में हम देश में नंबर वन हैं।

छतरपुर में सोमवार को जिला विकास सलाहकार समिति की बैठक के लिए प्रदेश के कृषि मंत्री एवं जिले के प्रभारी मंत्री ऐंदल सिंह कंसाना पहुंचे। यहां पत्रकारों ने उनसे पूछा कि खाद वितरण में गड़बड़ी के मामले में हम तीसरे नंबर पर क्यों हैं? इसके जवाब में कृषि मंत्री ने कहा कि मध्य प्रदेश में जहां-जहां अनियमितताएं सामने आईं, वहां सख्त कार्रवाई की गई है और अब तक 95 एफआईआर दर्ज की जा चुकी हैं। 

मंत्री ने दावा किया कि इतनी एफआईआर देश के किसी अन्य राज्य में दर्ज नहीं हुई हैं। मंत्रीजी ने यह बयान उस समय दिया जब मीडिया ने केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान के लोकसभा में दिए गए आंकड़ों का हवाला दिया। इन आंकड़ों में खाद वितरण गड़बड़ी के मामलों में मध्यप्रदेश को देश में तीसरे स्थान पर बताया गया था। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कंसाना ने कहा कि प्रदेश में गड़बड़ी मिलने पर कार्रवाई की गई है, यही कारण है कि एफआईआर की संख्या अधिक है।

हालांकि बैठक के बाद मीडिया से चर्चा के दौरान खाद वितरण व अन्य मुद्दों पर मंत्री स्पष्ट जवाब नहीं दे सके। उनका यह बयान भी विरोधाभाषी है कि राज्य में सबसे ज्यादा FIR दर्ज की गई है। जबकि मध्य प्रदेश से ही सांसद व केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने संसद में बताया कि उत्तर प्रदेश में खाद की कालाबाजारी, खराब क्वालिटी, गलत जगहों पर सप्लाई जैसे मामलों को लेकर 197 एफआईआर दर्ज की गईं, जो देश में सबसे ज्यादा हैं। वहीं, राजस्थान 103 एफआईआर के साथ दूसरे स्थान पर है।