भोपाल। भोपाल। मध्य प्रदेश विधानसभा के 70 साल पूरे होने पर आयोजित विशेष सत्र में मंत्री कैलाश विजयवर्गीय का भाषण चर्चा में है। सदन में उन्होंने दलगत राजनीति से ऊपर उठते हुए पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह की कार्यशैली, योगदान और राजनीतिक सौजन्यता की सराहना की। विजयवर्गीय ने कहा कि आज इंदौर में IIT और IIM की मौजूदगी दिग्विजय सिंह के विशेष प्रयासों का परिणाम है।



नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने अपने वक्तव्य के दौरान कहा कि वर्ष 1993 से 2003 तक मुख्यमंत्री के रूप में दिग्विजय सिंह के कार्यकाल में राज्य के विकास के लिए अनेक महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। उन्होंने कहा कि संजय गांधी थर्मल पावर प्लांट, बांध सागर परियोजना को गति देना तथा कोलार जल परियोजना में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही है।



उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि इंदौर में आईआईएम की स्थापना के लिए तत्कालीन मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने विशेष प्रयास किए, जिनके परिणामस्वरूप बाद में इंदौर में आईआईएम और आईआईटी दोनों संस्थान स्थापित हुए। विजयवर्गीय ने कहा कि इंदौर देश का पहला ऐसा शहर है, जहाँ आईआईएम और आईआईटी दोनों मौजूद हैं, जिसमें अर्जुन सिंह, दिग्विजय सिंह तथा तत्कालीन नेतृत्व का बड़ा योगदान रहा।





विजयवर्गीय ने सदन में यह भी कहा कि राजनीतिक सौजन्यता और मानवीय संवेदनाओं का पाठ उन्होंने दिग्विजय सिंह से सीखा है। उन्होंने एक व्यक्तिगत प्रसंग साझा करते हुए बताया कि जब उनके जबलपुर के कार्यकर्ता ओमकार तिवारी को अचानक स्वास्थ्य संकट आया, तब दिग्विजय सिंह ने तत्काल हेलीकॉप्टर की व्यवस्था कर उन्हें दिल्ली भिजवाया।उन्होंने कहा कि दिग्विजय सिंह का यह स्वभाव रहा है कि चाहे समर्थक हो या राजनीतिक विरोधी, यदि कोई सहायता के लिए उनके पास पहुँचे तो वे बिना भेदभाव मदद करते थे।



विजयवर्गीय का यह भाषण सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह की भी प्रतिक्रिया सामने आई है। उन्होंने वीडियो शेयर कर सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा, 'बहुत-बहुत धन्यवाद “कलाकार” जी। आज के राजनैतिक प्रतिशोध के वातावरण में आपने जो मेरे बारे में कहा है वह आम राजनेता कभी भी नहीं कह सकता। उसके लिया साहस चाहिए और केवल खुले विचारों वाला व्यक्ति ही कह सकता है। काश आपकी और हमारी पार्टी में कुछ और लोग भी ऐसे होते। जय सिया राम।'