भोपाल। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही है। ग्रामीण आजीविका मिशन की मिशनकर्मियों की नियुक्ति में गड़बड़ी का मामला राज्य आर्थिक अपराध अन्वेषण प्रकोष्ठ (EOW) पहुंच गया है। पूर्व आईएफएस अधिकारी ने इस मामले में शिकायत पर बैंस समेत तीन अफसरों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
दरअसल, साल 2017-18 में आजीविका मिशन में मिशनकर्मियों की नियम विरुद्ध नियुक्ति की गई थी।
फर्जी नियुक्तियों के मामले में इन अधिकारियों की गड़बड़ी, जांच रिपोर्ट में भी उजागर हो चुकी है। हालांकि सरकार ने इसके बाद भी पूर्व आइएएस व अन्य अफसरों पर कोई कार्रवाई नहीं की। ऐसे में एक बार फिर ईओडब्ल्यू से इसकी शिकायत की गई है।
सेवानिवृत्त आइएफएस अधिकारी आजाद सिंह डबास ने इस मामले में शिकायत कर तीन सेवानिवृत्त आइएएस अधिकारियों के विरुद्ध जांच की मांग की है। इसमें पूर्व मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस, अपर मुख्य सचिव मनोज कुमार श्रीवास्तव और अशोक शाह शामिल हैं। इसके साथ ही मिशन के मुख्य कार्यपालन अधिकारी और सेवानिवृत्त आइएफएस अधिकारी एमएल बेलवाल की भूमिका पर भी सवाल उठाए गए हैं।
डबास द्वारा की गई शिकायत में आरोप लगाया है कि 2017 में ग्रामीण आजीविका मिशन में की गई नियुक्तियों में नियमों की अनदेखी की गई है। तत्कालीन मुख्य कार्यपालन अधिकारी एमएल बेलवाल ने 15 नए जिलों में मिशनकर्मियों की नियुक्ति की प्रशासकीय स्वीकृति के लिए प्रस्ताव तत्कालीन अपर मुख्य सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग इकबाल सिंह बैंस को भेजा था। इसमें रिक्त पदों पर भर्ती के लिए विज्ञापन जारी करने की बात कही गई।
शिकायत में कहा गया है कि विभागीय मंत्री ने भर्ती प्रक्रिया प्रोफेशनल एक्जामिनेशन बोर्ड से करवाने को कहा गया था, जिसे नहीं माना गया। इसकी शिकायत पहले भी ईओडब्ल्यू में हुई थी, जिसकी जांच विभागीय तौर पर नेहा मारख्या ने की थी। उनकी रिपोर्ट में गड़बड़ी की बात को स्वीकार किया गया। इसके बाद भी प्रकरण दर्ज नहीं कराया गया।