भोपाल। राष्ट्रीय किसान मजदूर संघ ने नरसिंहपुर के जिला मुख्यालय पर दिल्ली किसान आंदोलन के समर्थन में अर्धनग्न प्रदर्शन किया। किसानों ने अपने इस प्रदर्शन में ज़िला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपते हुए कृषि कानूनों को वापस लेने और स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करने की गारंटी देने की मांग की। 

 किसानों ने जिले में प्रवेश करने के पहले खैर नाका पर ही अपने वाहन एवं अर्ध वस्त्रों को त्याग दिया। इसके बाद किसान वहां से पैदल नारे लगाते हुए कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंचे। किसानों ने कलेक्टोरेट के सामने दिल्ली किसान आंदोलन के समर्थन में धरना प्रदर्शन किया। इसके साथ ही 2 मिनट का मौन धारण कर दिल्ली किसान आंदोलन में शहीद हुए किसान योद्धाओं को श्रद्धांजलि अर्पित की।

​​​​​

 संगठन ने प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन भी जिला कलेक्टर वेद प्रकाश को सौंपा, जिसमें राष्ट्रीय किसान मजदूर संघ ने दिल्ली किसान आंदोलन का समर्थन करते हुए  किसान हित में कृषि अध्यादेशों में  स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशें लागू करते हुए C2+ के आधार पर किसानों को लागत के आधार पर डेढ़ गुना लाभकारी मूल्य प्रदान  किए जाने एवं सरकार कृषि अध्यादेशों में  किसानों की समस्त  प्रकार की उपजों को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदने की गारंटी प्रदान की बात रखी ।

 

राष्ट्रीय किसान मजदूर संघ के द्वारा स्थानीय समस्याओं को लेकर एक ज्ञापन और जिला कलेक्टर महोदय को सौंपा गया, जिसमें राजस्व विभाग, वन विभाग, सहकारिता, विद्युत मंडल से संबंधित समस्याओं के निपटारे की मांग थी। जिला कलेक्टर ने जिला स्तरीय समस्याओं को लेकर शीघ्र ही राष्ट्रीय किसान मजदूर संघ के प्रतिनिधियों एवं संबंधित विभागों के अधिकारियों के साथ  जिला प्रशासन की मध्यस्थता में बैठक कर समस्याओं के निराकरण का आश्वासन दिया है।

 राजस्व विभाग संबंधित मांगें 

 जिन किसानों की प्राकृतिक आपदा बाढ़ में फसल नष्ट हुई थी उनको बीमा राशि एवं राहत राशि शीघ्र प्रदान की जाए ।

बैंक बंधक कटवाने में किसानों से राशि ली जाती जाती है जिसे तत्काल बंद किया जाए।

 फौती नामांतरण के केसों में पटवारियों के द्वारा पैसे लिए जा रहा है जिसे बंद करते हुए होती नामांतरण किए जाए ।

पारिवारिक बंटवारे बिना स्टांप शुल्क के समय सीमा में किए जाए।

रजिस्ट्री के पश्चात नामांतरण की प्रक्रिया को सहज किया जाए। अनावरी एवं सर्वे में किसान प्रतिनिधियों को सम्मिलित किया जाए।

गांव-गांव में बिक रहे अवैध मादक पदार्थों पर रोक लगाई जाए।

 गन्ना से संबंधित माँगें

 मिल मालिकों के द्वारा गन्ना का न्यूनतम ₹450 प्रति क्विंटल मूल्य रिकवरी के आधार पर किसानों को प्रदान किया जाए।

शुगर मिलों पर किसानों की ट्रालियों को 24 घंटे के अंदर खाली कराई जाए ।

विद्युत मंडल से संबंधित 

कृषि पंपों की सामूहिक क्षमता वृद्धि को वापस किया जाए।

 कृषि के लिए दिन में 3 फेस 12 घंटे विद्युत प्रदान की जाए।

 जिस क्षेत्र में पानी कम है वहां कुछ घंटे ही एक या दो नोजल चल पाते हैं उस क्षेत्र में बिजली का उपयोग कम होने के कारण बिजली बिल कम किया जाए ।

 नियमानुसार ट्रांसफार्मर लाने लेजाने का कार्य विभाग का है । जबकि इसे किसान कर रहा है इसे विभाग द्वारा कराया जाए।  यदि किसान ट्रांसफार्मर ले जा रहे है तो उसे ट्रांसपोर्टिंग का चार्ज विभाग द्वारा प्रदान किया जाए।

जले हुए ट्रांसफार्मर  बिना घूसखोरी के  बदले जाए।

जले ट्रांसफार्मरों में आयल कम बताकर की जा रही अवैध वसूली को बंद किया जाए।

सेविंग्राम के तहत अतिरिक्त ट्रांसफार्मर डिवीजन में रखे जाएं।

अनुदान योजना को पुनः प्रारंभ करते हुए किसानों के ट्रांसफार्मर तत्काल रखे जाएं।

गांव में की जा रही विद्युत कटौती को तत्काल बंद किया जाए।

कृषि लाइनों  के मेंटेनेंस का कार्य शीघ्र पूर्ण किया जाए एवं गांव में किसी 11kv तारों के नीचे सेफ्टी तार झूला लगाए जाएं। 

 किसानों पर बनाए गए विद्युत चोरी के झूठे प्रकरणों को वापस लिया जावे एवं बिना पंचनामा के प्रकरण न बनाए जाए ।

सहकारिता से संबंधित :

किसानों को पर्याप्त मात्रा में यूरिया खाद प्रदान किया जाए।

क्रांति धान में FAQ  के मापदंडों शिथिल करते हुए , कैंसिल की गई किसानों की धान को भी खरीदा जाए।

 किसानों को नजदीकी धान तलाई सेंटर प्रदान किए जाए।

 मंडी से संबंधित मांगें 

मंडी अधिनियम के तहत समस्त कृषि उपजों की समर्थन मूल्य से ऊपर खरीदी की जाए।

 नियमानुसार समर्थन मूल्य से कम खरीदी करने पर दंडात्मक प्रक्रिया की जाए।

 किसानों को कृषि आदान विक्रय के पश्चात 24 घंटे के अंदर नगद या आरटीजीएस के माध्यम से मंडी प्रांगण में ही भुगतान किया जाए।

 प्रत्येक कृषि उपज मंडी में किसानों के लिए  विश्राम ग्रह भोजन एवं जल की मंडी प्रशासन द्वारा समुचित व्यवस्था की जाए ।

वन विभाग से संबंधित मांगें 

 मैदान में घूम रहे वन्य प्राणियों को अभ्यारण छोड़ने की व्यवस्था की जाए।

वन्य प्राणियों के द्वारा किसानों की फसल के नुकसान की भरपाई वन विभाग एवं प्रशासन द्वारा की जावे ।

किसानों एवं ग्रामीण लोगों के लिए जलाऊ लकड़ी उठाने की अनुमति प्रदान की जाए ।

कृषि विभाग से संबंधित 

विभाग द्वारा किसानों को पर्याप्त मात्रा में यूरिया खाद प्रदान किया जाए ।

 अमानक खाद बीज एवं कीटनाशकों की सूची चस्पा की जाए ।

 अमानत खाद बीज विक्रेता पर दंडात्मक कार्यवाही की जाए ।

अनुदान पर किसानों को पर्याप्त मात्रा कीटनाशक एवं नींदा नाशक दवाइयां उपलब्ध कराई जाए ।

ग्राम सेवकों का गांव में प्रवास का दिन निश्चित किया जावे एवं ग्राम पंचायत में मोबाइल नंबर सहित यह जानकारी चस्पा की जाए ।