भोपाल। मध्य प्रदेश के एक दर्जन से अधिक जिलों में बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि ने फसलें तबाह कर दी हैं। मौसम केंद्र भोपाल ने 1 और 2 मार्च को फिर से बारिश, आंधी और ओले का स्ट्रॉन्ग सिस्टम एक्टिव होने का अनुमान जताया है। कांग्रेस नेता पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने संकट के इस समय में किसानों को तत्काल मुआवजा देने की मांग की है।



राज्यसभा सांसद सिंह ने कहा है कि सबसे ज्यादा तबाही राजगढ़ जिले के नरसिंहगढ़ तहसील के गांवों में हुई है। उन्होंने कहा कि नाहाली और आसपास के गांवों में गेहूं, लहसुन, प्याज, चना, मसूर और तो और पेड़ों के पत्ते तक झड़ गए। सिंह के मुताबिक ऐसी तबाही पिछले 100 साल में नहीं हुई।





पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि यहां 100 फीसदी फसलें बर्बाद हो गई है। उन्होंने राज्य सरकार से मांग करते हुए कहा कि तत्काल सर्वे करवा कर किसानों को फसल मुआवज़ा व बीमा की राशि दिलाई जाए। इससे पहले प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी भी राज्य सरकार से किसानों के लिए राहत पैकेज जारी करने की मांग कर चुके हैं।



बता दें कि बीते दिनों हुई बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि के कारण एक दर्जन से अधिक जिलों में नुकसान की जानकारी मिल रही है। इनमें निवाड़ी, खंडवा, बैतूल, हरदा, रतलाम, अनूपपुर, ग्वालियर, सतना, टीकमगढ़, राजगढ़, छिंदवाड़ा, आगर मालवा, देवास जिले शामिल हैं। कई जगह जहां फसल पक चुकी थी‎, वहां पर ओलों ने बालियों को नीचे गिरा‎ दिया। कई‎ जगह खेतों और खलिहानों में कटी ‎फसलें पड़ी थीं जो पूरी तरह बर्बाद हो गईं।



नर्मदापुरम जिले के 94 से ज्यादा गांव में गेहूं, चने की फसल बुरी तरह प्रभावित हुई है। खंडवा में सूखकर काटने के लिए तैयार और हरी 80% फसलें अब भी खेतों में लहलहा रही थीं। यहां काफी नुकसान हुआ है। खंडवा, पंधाना, पुनासा, छैगांवमाखन, खालवा व बलड़ी तहसील में 50 फीसदी नुकसान का अनुमान लगाया जा रहा है। उधर, बुरहानपुर जिले में गेहूं, चने और मक्का फसल‎ को नुकसान तो हुआ ही है, कुछ खेतों में ‎केला-तरबूज फसल भी प्रभावित ‎हुई है।