उज्जैन। प्रयागराज महाकुम्भ में हुई भगदड़ जैसी घटनाओं की पुनरावृति ना हो इसके लिए प्रयागराज के पांच अधिकारी उज्जैन पहुचेंगे। वे अपने अनुभव उज्जैन सिंहस्थ कुम्भ से जुड़े अधिकारियों के साथ साझा करेंगे। इस दौरान उज्जैन के अधिकारी भी कुम्भ को लेकर ट्रैफिक, भीड़ प्रबंधन, आपातकालीन सेवा और साधु-संतों के ठहरने की व्यवस्था से जुड़ी प्लानिंग का प्रजेंटेशन देंगे।

प्रयागराज कुम्भ की व्यवस्थाओं से जुड़े आला अफसर तीन दिन 7 से 9 अप्रैल तक उज्जैन में रहेंगे। अधिकारियों की टीम पता करेगी कि सिंहस्थ को लेकर मध्य प्रदेश सरकार द्वारा कितनी पुख्ता तैयारियां की जा रही हैं। उज्जैन में चल रहे कुम्भ के कार्य की समीक्षा के लिए पहले ही सीएस अनुराग जैन और एसीएस राजेश राजोरा उज्जैन के अधिकारियों के साथ बैठक कर चुके हैं।

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उज्जैन को जोड़ने वाले कई सडकों का चौड़ीकरण, शिप्रा नदी का जल स्वच्छ करना, कई ब्रिज के निर्माण, उज्जैन शहर के आंतरिक मार्गों का चौड़ीकरण, रेलवे से जुड़े कार्य सहित अन्य कार्य होना शेष हैं। इन सभी कार्यों को देखने के लिए टीम उज्जैन पहुंचेगी।

प्रयागराज में संपन्न महाकुम्भ में देश-विदेश से 65 करोड़ लोगों के आने का दावा किया गया है। उत्तर प्रदेश सरकार को 45 करोड़ लोगों के महाकुम्भ में आने का पूर्वानुमान था। कुम्भ के दौरान प्रयागराज पहुंचने वाले सभी मार्गों पर यातायात व्यवस्था ध्वस्त हो गई थी। कई किलोमीटर तक श्रद्धालुओं को पैदल चलना पड़ा। ट्रेन में जगह नहीं मिली, सडकों पर पैर रखने की जगह नहीं मिली, प्रयागराज में रहने वाले लोग अपने ही घरों में कैद हो गए थे।