रीवा। उत्तरप्रदेश से पूर्व लोकसभा सांसद और संत डॉ. रामविलास दास वेदांती का सोमवार को निधन हो गया। उन्होंने 67 वर्ष की आयु में मध्य प्रदेश के रीवा में दोपहर 12:20 बजे अंतिम सांस ली। बीते दो दिनों से उनका इलाज रीवा के एक सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में चल रहा था। सोमवार सुबह उनकी तबीयत अचानक ज्यादा बिगड़ गई थी और उनका देहांत हो गया।
डॉ. वेदांती रीवा में रामकथा कर रहे थे इसी दौरान उनकी तबीयत खराब हो गई। हालत गंभीर होने पर उन्हें भोपाल एम्स एयरलिफ्ट करने की तैयारी की गई थी। एयर एम्बुलेंस मौके पर पहुंच भी गई लेकिन घने कोहरे के कारण लैंड नहीं कर सकी। इसके बाद रीवा में ही उनका इलाज जारी रखा गया लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका।
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रीवा सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के अधीक्षक डॉ. अक्षय श्रीवास्तव ने बताया कि सुबह डॉ. वेदांती को कार्डियक अरेस्ट आया था। डॉक्टरों की टीम ने उन्हें रिवाइव किया और वेंटिलेटर पर रखा। ब्लड प्रेशर बढ़ाने वाली दवाएं दी गईं लेकिन दोपहर करीब साढ़े बारह बजे उनका निधन हो गया। अस्पताल के डॉक्टर वीडी त्रिपाठी के अनुसार, वेदांती सेप्टीसीमिया से पीड़ित थे। संक्रमण खून के जरिए गुर्दे, फेफड़े और लीवर तक फैल गया था जिससे स्थिति लगातार गंभीर होती चली गई।
डॉ. रामविलास दास वेदांती के उत्तराधिकारी महंत राघवेश दास वेदांती ने बताया कि उनका पार्थिव शरीर अयोध्या लाया जा रहा है। अंतिम यात्रा मंगलवार सुबह अयोध्या के हिंदू धाम से निकलेगी जो राम मंदिर होते हुए सरयू तट तक जाएगी। सुबह 10 बजे सरयू तट पर उन्हें जल समाधि दी जाएगी। अंतिम दर्शन के लिए देशभर से संतों के पहुंचने की संभावना है।
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डॉ. वेदांती का जन्म 7 अक्टूबर 1958 को मध्य प्रदेश के रीवा जिले के गुढ़वा गांव में हुआ था। दो साल की उम्र में उनकी मां का निधन हो गया था। उनके पिता रामसेवक त्रिपाठी पेशे से पुरोहित थे और पूर्व केंद्रीय मंत्री अर्जुन सिंह के गुरु भी थे। 12 वर्ष की आयु में वे अयोध्या आ गए थे और उनका अधिकांश जीवन वहीं बीता था। अयोध्या में उन्होंने हनुमानगढ़ी के महंत अभिराम दास को अपना गुरु बनाया और नया घाट स्थित हिंदू धाम में रहने लगे। उनका आश्रम वशिष्ठ भवन भी वहीं स्थित है।
डॉ. वेदांती लंबे समय तक अयोध्या में रामलला और हनुमानगढ़ी के सामने रामकथा करते रहे। राम जन्मभूमि आंदोलन से जुड़े रहने के कारण उन्हें राम जन्मभूमि न्यास का कार्यकारी अध्यक्ष भी बनाया गया था। राजनीतिक जीवन में उन्होंने भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर दो बार लोकसभा चुनाव भी जीता था। साल 1996 में वे जौनपुर की मछलीशहर सीट से सांसद चुने गए और साल 1998 में प्रतापगढ़ से सांसद बने थे।
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