ग्वालियर। मध्य प्रदेश के ग्वालियर से अजीबोगरीब मामला सामने आया है। यहां प्रशासन ने फर्जी पुलिस गैंग का खुलासा किया। पुलिस ने एक फर्जी टीआई, 2 फर्जी कांस्टेबल और एक ड्राइवर को हाथों गिरफ्तार किया गया है। ये बेरोजगारों की गैंग थी जो पुलिस की वेशभूषा में हाइवे पर वसूली कर रही थी। क्राइम ब्रांच ने उनके कब्जे से फर्जी नियुक्ति पत्र और पहचान पत्र भी बरामद किया है।
फर्जी पुलिसकर्मियों का गैंग आरटीओ का स्क्वॉड बनकर काफी समय से हाईवे पर अवैध वसूली कर रहा था। इस भंडाफोड़ का उजागर उस समय हुआ जब गैंग का संचालक शिवम चतुर्वेदी एक ऑनलाइन दुकान संचालक वैभव पाल पर जबरन दवाब बना रहा था। वह वैभव से फर्जी आईडी बनवाना चाहता था। ऐसे में जब दुकान संचालक वैभव को शक हुआ तो उसने ग्वालियर क्राइम ब्रांच को इसकी सूचना दी।
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पकड़े गए सभी आरोपी सागर के निवासी है। ग्वालियर क्राइम ब्रांच एक्टिव हुई और पूरे मामले की जांच में जुट गई। क्राइम ब्रांच द्वारा पकड़े गए आरोपियों में शिवम खुद को टीआई बता रहा था, जबिक उसके अन्य साथी पवन और नीरज खुद को कांस्टेबल बताते रहे। वहीं रविंद्र ने खुद की पहचान ड्राइवर के रूप में की।
क्राइम ब्रांच की पूछताछ में फर्जी टीआई शिवम ने जानकारी दी कि उसने पवन और नीरज को 40-40 हजार रुपए देकर फर्जी कांस्टेबल बनवाया था। जबकि रविंद्र की कार को 55 हजार रुपए का एग्रीमेंट बनवाकर किराए पर लिया था। कार से फर्जी नियुक्ति पत्र और यूनिफॉर्म बरामद किए गए हैं। ग्वालियर क्राइम ब्रांच ने फर्जी पुलिस के गिरोह को बुधवार-गुरुवार की दरमियानी रात को दबोचा है।