भोपाल। मध्य प्रदेश के बहुचर्चित ईओडब्ल्यू रेड में बीते दिनों जबलपुर ARTO के यहां करोड़ों रुपए की काली कमाई का भंडाफोड़ हुआ। शुरुआती जांच में ही उसके पास आय से 650 गुना अधिक संपत्ति होने की जानकारी मिली थी। जबकि प्लॉट्स के कई डॉक्यूमेंट्स उसने पहले ही दूसरे स्थान पर भिजवा दिया था। इसके बावजूद काली कमाई वाले इस ARTO पर राज्य सरकार की मेहरबानी कम नहीं हुई है। राज्य शासन ने नौकरी और निलंबन तो दूर जबलपुर के संभागीय कार्यालय में पोस्टिंग कर दिया है।

राज्य परिवहन विभाग द्वारा कार्रवाई के नाम पर ARTO संतोष पॉल का सिर्फ तबादला किया गया है। तबादले के बाद भी उनकी पोस्टिंग जबलपुर में ही रहेगी। उन्हें अब संभागीय उप परिवहन आयुक्त के कार्यालय में अटैच किया गया है। इसके रसूख और प्रभाव का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि राज्य सरकार को छापे के बाद पद से हटाने की कार्रवाई में हफ़्ते भर का समय लग गया। साथ ही परिवहन विभाग ने संतोष पॉल का नया इंतजाम भी जबलपुर में ही कर दिया। 

ARTO संतोष पॉल कितना बेखौफ है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि छापे के बाद उसने मीडिया को इंटरव्यू दिया। जिसमें वह शान से कह रहा है कि मुझे ईओडब्ल्यू के छापों से कोई फर्क नहीं पड़ता। छापा तो एक प्रक्रिया है। बता दें कि पॉल के घर बीते हफ्ते जब ईओडब्ल्यू की टीम पहुंची थी तो जांच अधिकारी भी सकते में आ गए थे। करोड़ों रुपए के उसके आलीशान बंगले के भीतर थियेटर से लेकर ऐशोआराम के तमाम साधन मौजूद थे।

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जांच में पता चला कि आरोपी बंगले के अलावा हजारों वर्ग फुट के करीब आधा दर्जन मकान और कई एकड़ में फैले फॉर्म हॉउस का भी मालिक है। जबलपुर शहर में दर्जनभर दुकानें भी है। साथ ही देश के कई बड़े शहरों में भी अतिरिक्त प्रॉपर्टी होने का पता है। जिसके बारे में EOW पड़ताल कर रही है। शुरुआती छानबीन में सामने आए साक्ष्यों से पता चला है कि आरटीओ के पास आय से 650 गुना अधिक संपत्ति है।