ग्वालियर। कर्ज में डूबे मध्य प्रदेश के अधिकांश नगर निगम फंड की कमी से जूझ रहे हैं। आलम ये है कि ठेकेदारों से लेकर कर्मियों तक को रुपए नहीं मिल रहे हैं। एक महीने के भीतर इंदौर और जबलपुर में नगर निगम के दो ठेकेदार आत्महत्या कर चुके हैं। उधर, ग्वालियर में ईको ग्रीन के कर्मचारियों का बुरा हाल है। उन्हें तीन महीने से वेतन नहीं मिला है। वहीं, धरने पर बैठे तो पुलिस ने पिटाई भी की।

दरअसल, ग्वालियर में तीन महीने से वेतन नहीं मिलने और आउटसोस कर्मचारी बनाने के विरोध में ईको ग्रीन कंपनी के 485 कर्मचारी चार दिन से हड़ताल पर हैं। सोमवार को नगर निगम के डिपो में कर्मचारियों ने कचरा कलेक्शन वाहनों को नहीं जाने दिया और उनके सामने लेट गए। हंगामा कर आयुक्त नगर निगम के खिलाफ नारेबाजी भी की। इस दौरान डिपो से नगर निगम के वाहनों को निकालने के लिए नगर निगम के अफसरों ने पुलिस से मदद ली। 

पड़ाव थाना पुलिस का फोर्स सहित लाइन से भी अतिरिक्त बल नगर निगम के डिपो पहुंच गया था। पुलिस ने स्पॉट पर पहुंचकर हड़ताल कर रहे कर्मचारियों को पहले समझाया, लेकिन समझाइश से काम नहीं चला तो मारपीट कर वहां से खदेड़ दिया गया। 

प्रदर्शन कर रहे कर्मचारियों का कहना है कि उन्हें 3 महीने से वेतन नहीं मिला है। वह पिछले 3 साल से नगर निगम से अपनी तनख्वाह ले रहे थे। लेकिन अब नगर निगम प्रशासन उन्हें आउटसोर्स में ठेके का कर्मचारी बनाना चाहता है। उनका प्रोविडेंट फंड भी नहीं कट रहा है। ऐसे में कर्मचारियों के सामने भूखे मरने की नौबत है। जिस कारण वह हड़ताल व धरन प्रदर्शन पर अमादा हैं। वेतन नहीं मिलने से घर के हालात खराब हो गए हैं।