बीजेपी नेता व राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही है। ग्वालियर हाई कोर्ट ने सिंधिया व उनके ट्रस्ट के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई शुरू कर दी है। मंगलवार को कोर्ट ने दाखिल की गई याचिका को सुनवाई योग्य मानते हुए मध्यप्रदेश शासन एवं अन्य प्रतिवादियों को नोटिस भेजकर जवाब तलब किया है। जवाब प्रस्तुत करने की तारीख 27 जुलाई तय की गई है उसी दिन अगली सुनवाई भी होगी। बता दें कि ज्योतिरादित्य सिंधिया और उनके कमला राजे ट्रस्ट के खिलाफ 500 करोड़ से ज्यादा रुपए के सरकारी जमीन हड़पने का आरोप है।

दरअसल, ग्वालियर के ऋषभ भदोरिया ने मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच में ज्योतिरादित्य सिंधिया एवं कमलाराजे ट्रस्ट के खिलाफ याचिका प्रस्तुत की है। उन्होंने आरोप लगाया है कि शासकीय रिकॉर्ड में दर्ज 22 बड़े-बड़े जमीन के टुकड़े जिनकी कीमत 500 करोड़ से ज्यादा है, उन्हें सिंधिया और उनके ट्रस्ट ने शासकीय अधिकारियों की मिलीभगत से हड़प लिए हैं। भदौरिया ने अपनी याचिका में कहा है कि ये जमीनें 2017-18 में शासकीय थी, लेकिन 2018-19 में ज्योतिरादित्य सिंधिया और उनके कमलाराजे ट्रस्ट के नाम हो गईं। मामले पर हाईकोर्ट ने याचिका को स्वीकार करते हुए शासन को नोटिस जारी करके जवाब तलब किया है।

मंगलवार को हाई कोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मामले पर आरंभिक सुनवाई शुरू की। इस दौरान राज्य शासन की ओर से महाधिवक्ता पुष्पेंद्र कौरव ने पक्ष रखा। उन्होंने याचिका पर आपत्ति दर्ज कराते हुए कहा कि याचिकाकर्ता पर आपराधिक प्रकरण दर्ज हैं। इन्हें इस तरह की याचिका दायर करने का हक नहीं है, इसलिए याचिका को खारिज किया जाए। महाधिवक्ता की आपत्ति के जवाब में याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि इन्हें सरकार की 500 करोड़ से ज्यादा की जमीन की रक्षा में खड़ा होना चाहिए, लेकिन ये किसी व्यक्ति विशेष को बचाने में लगे हैं।  कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद शासन को लिखित में अपनी आपत्तियां पेश करने का समय दिया है।