भोपाल। हरदा पटाखा फैक्ट्री ब्लास्ट की गूंज गुरुवार को मध्य प्रदेश विधानसभा में भी सुनाई दी। कांग्रेस ने हरदा फैक्ट्री ब्लास्ट मामले में स्थगन प्रस्ताव पेश किया। जिसे स्वीकारते हुए स्पीकर नरेंद्र सिंह तोमर ने चर्चा के लिए डेढ़ घंटे का समय दिया। 

हरदा से कांग्रेस विधायक आरके दोगने प्रतीकात्मक सुतली बम की माला पहनकर विधानसभा पहुंचे थे। उन्होंने माला पहनकर ही विधानसभा में प्रवेश करने का प्रयास किया। हालांकि सुरक्षा कर्मियों ने विधायक को रोका और सुतली बम की माला निकलवाई। माला उतारने के बाद ही उन्हें अंदर प्रवेश दिया गया। सदन में चर्चा के दौरान दोगने ने कहा कि फैक्ट्री मालिक को अगर मेरा संरक्षण था तो मुझे फांसी होनी चाहिए। जो वहां मंत्री था, उसका संरक्षण फैक्ट्री मालिक को था तो उसे फांसी होनी चाहिए।

हरदा विधायक का कहना है कि अब भी कई लोग मलबे के नीचे दबे हैं। इस मामले में सरकार कुछ नहीं कर रही है। उनकी मांग है कि जांच टीम में विधायकों को भी शामिल किया जाए। कई बेगुनाहों ने अपनी जान गंवाई हैं। उन्होंने राज्य सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर बेगुनाहों को इंसाफ नहीं मिला तो बड़ा विरोध प्रदर्शन करेंगे। दोगने ने स्पष्ट कहा कि पूर्व मंत्री कमल पटेल के संरक्षण में यह सभी फैक्ट्री चल रही थी।

वहीं, नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा कि पेटलावद की घटना में किसी अधिकारी पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। सिर्फ ट्रांसफर करके खानापूर्ति की जाती है। विपक्ष का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि ऐसा भी लगा कि आतंकी घटना तो नहीं हो गई। हमने भारत सरकार को भी तुरंत सूचना दी। वीडियो देखकर लगा कि पोखरण जैसा विस्फोट होगा। कैबिनेट बैठक रोक कर सबसे पहले हमने टीम बनाई और मंत्री उदय प्रताप सिंह को अधिकारियों के साथ मौके पर भेजा।

सीएम के जवाब देने के दौरान बहस की स्थिति उत्पन्न हो गई। वहीं, हंगामा देखते हुए सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी गई है। न्यायिक जांच की मांग न मानने पर कांग्रेस ने वाकआउट किया।