मध्य प्रदेश। देशभर में चल रहे स्पेशल इंटेंसिव रिविजन अभियान के बीच बूथ लेवल अफसरों पर बढ़ता दबाव लगातार जान ले रहा है। बीते 19 दिनों में 6 राज्यों में 16 BLO की मौत हो चुकी है। इनमें से अकेले मध्य प्रदेश में यह छठी मौत दर्ज हुई है। ताजा मामला शहडोल जिले के सोहागपुर तहसील का है जहां 54 वर्षीय प्राथमिक शिक्षक और BLO मनीराम नापित की सोमवार शाम हृदयघात से मौत हो गई। परिवार का आरोप है कि लगातार बढ़ता कार्यभार और अधिकारियों का दबाव उनकी मौत की वजह बनी।
मनीराम नापित शासकीय प्राथमिक शाला ढांप टोला संकुल कोटमा में पदस्थ थे और मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान के तहत बूथ क्रमांक 212 की जिम्मेदारी निभा रहे थे। उनके बूथ पर कुल 676 मतदाता पंजीकृत हैं। इनमें से 453 मतदाताओं के फॉर्म का डिजिटाइजेशन वे पूरा कर चुके थे। यानी 67 प्रतिशत काम समाप्त हो गया था।
सोमवार शाम वे पतेरिया गांव में मतदाताओं से दस्तावेज भरवा रहे थे। इसी दौरान उन्हें एक अधिकारी का फोन आया। कॉल खत्म होते ही उनकी तबीयत अचानक बिगड़ने लगी। उन्होंने बेटे आदित्य नापित को फोन पर इसकी सूचना दी। बेटा तुरंत वाहन लेकर मौके पर पहुंचा और उन्हें घर लाया। हालत और बिगड़ने पर कार से मेडिकल कॉलेज ले जाया गया लेकिन अस्पताल पहुंचने से पहले ही उनकी मौत हो गई। डॉक्टरों ने जांच के बाद उन्हें मृत घोषित कर दिया गया।
परिजनों ने बताया कि मनीराम नापित शुगर और बीपी के मरीज थे। इसके बावजूद उन्हें लगातार फील्ड में जाकर कार्य करने के निर्देश मिल रहे थे। पत्नी ममता नापित ने कहा कि उनके पति कई दिनों से भारी मानसिक और शारीरिक दबाव में थे। रातभर फॉर्म भरने और उनके डिजिटाइजेशन का काम करना पड़ता था। मोबाइल पर देर रात तक निर्देश आते रहते थे और ऑनलाइन पोर्टल की धीमी गति के कारण काम का बोझ और बढ़ जाता था। बेटे ने आरोप लगाया कि कई बार अधिकारियों से राहत देने का आग्रह किया गया लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया।
SIR अभियान की शुरुआत के बाद मध्य प्रदेश में यह छठा मामला है। इससे पहले पांच BLO की मौत हो चुकी है और एक अभी तक लापता है। एक अन्य BLO हार्ट अटैक के बाद अस्पताल में भर्ती है। पिछले चार दिनों में भोपाल में 50 से अधिक बूथ लेवल अधिकारी बीमार पड़े हैं। इनमें दो को हार्ट अटैक और एक को ब्रेन हैमरेज हुआ है।
देशभर में भी स्थिति कम भयावह नहीं है। गुजरात में चार, पश्चिम बंगाल में तीन, राजस्थान में दो और केरल व तमिलनाडु में एक-एक BLO की जान जा चुकी है। पश्चिम बंगाल के नदिया जिले में काम के तनाव के चलते BLO रिंकू ने आत्महत्या कर ली थी। जयपुर में BLO मुकेश जांगिड़ ने ट्रेन के आगे कूदकर जान दे दी थी। करौली और सवाई माधोपुर से भी मौत और गंभीर बीमारी के मामले सामने आए हैं।
निर्वाचन आयोग की रिपोर्ट बताती है कि बड़े राज्यों में डिजिटाइजेशन की गति अलग-अलग है। राजस्थान में 60.54 प्रतिशत फॉर्म डिजिटाइज हो चुके हैं। जबकि, केरल में यह आंकड़ा केवल 10.58 प्रतिशत है। हालांकि, देशभर में 98.98 प्रतिशत फॉर्म बांटे जा चुके हैं। कई क्षेत्रों में लक्ष्य पूरा न होने के चलते दबाव तेज है।