इंदौर। इंदौर के सबसे बड़े शासकीय एमवाय अस्पताल में चूहों के कुतरने से हुई दो नवजातों की मौत पर हाईकोर्ट ने सख्त रुख अख्तियार किया है। घटना के 15 दिन बाद भी कठोर कार्रवाई नहीं होने पर अब हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को नोटिस भेजा है। उच्च न्यायालय ने इस पूरे मामले की स्टेटस रिपोर्ट पंच दिन के भीतर यानी 15 सितंबर तक मांगी है। 

हैरानी की बात ये है कि हाईकोर्ट का नोटिस मिलने के बाद अस्पताल अधीक्षक डॉ. अशोक यादव खुद को बीमार बताते हुए 11 से 25 सितंबर तक छुट्‌टी पर चले गए हैं। बता दें कि न्यायमूर्ति विवेक रूसिया और न्यायमूर्ति जेके पिल्लई की युगल पीठ ने इस मामले को नवजातों के मौलिक अधिकारों और सार्वजनिक स्वास्थ्य से जुड़ा मानते हुए स्वतः संज्ञान लिया है।

कोर्ट ने यह भी नोट किया कि सफाई और पेस्ट कंट्रोल करने वाली निजी कंपनी एजाइल सिक्योरिटी के खिलाफ ठोस दंडात्मक कार्रवाई नहीं की गई, जबकि उसकी लापरवाही से यह दर्दनाक हादसा हुआ। हाईकोर्ट का सख्त रुख देखते हुए प्रमुख सचिव (लोक स्वास्थ्य एवं सुरक्षा) ने एजाइल कंपनी को हटाने के निर्देश दे दिए। पीडियाट्रिक सर्जरी विभाग के एचओडी डॉ. बृजेश लाहोटी को पद से हटा दिया। प्रभारी एचओडी डॉ. मनोज जोशी को सस्पेंड कर दिया है।

बता दें कि मध्य प्रदेश के इंदौर शहर के सबसे बड़े MY अस्पताल में चूहों के काटने से दो बच्चों की मौत हो गई थी। इलाज के लिए दोनों बच्चों को यहां भर्ती कराया गया था। लेकिन यहां चूहों ने उन्हें कुतर दिया जिससे उनकी मौत। इस मामले को शुरू में दबाने की भी कोशिशें हुई। लेकिन मामला तूल पकड़ने के बाद कार्रवाई की गई। इस मामले पर राज्य मानवाधिकार आयोग ने भी अस्पताल को नोटिस जारी किया है।