भोपाल। मध्य प्रदेश सरकार मुख्यमंत्री कन्या विवाह, निकाह योजना में बदलाव करने की तैयारी में है। खबर है कि सरकार इनकम टैक्स भरने वाले और गरीबी रेखा से ऊपर के लोगों को इन योजनाओं से बाहर कर सकती है। इस पर कांग्रेस ने कड़ी आपत्ति जताई है।

पूर्व मंत्री पीसी शर्मा ने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह पर कन्याओं में भेदभाव करने का आरोप लगाया है। पीसी शर्मा का कहना है कि प्रदेश में कन्याओं में किसी तरह का भेदभाव नहीं होना चाहिए। उन्होंने पूछा है कि क्या मुख्यमंत्री कन्या पूजन के कार्यक्रम से भी आयकर देने वाले परिवारों की कन्याओं को बाहर करेंगे? सरकार को कन्याओं पर फैसला लेने से पहले इस पर दोबारा सोचना चाहिए।

पहले अगर कोई व्यक्ति एक से ज्यादा बार शादी करता था तो भी उसे कन्या विवाह-निकाह योजना का लाभ मिलता था। लेकिन अब इसमें बदलाव किया जा रहा है, अब जीवन में केवल एक बार शादी करने वाले को ही इस योजना का लाभ मिलेगा।

अब इस योजना का फायदा बीपीएल और संबल योजना के रजिस्टर्ड हितग्रहियों को ही दिया जाएगा। साथ ही जो जिस इलाके या निकाय का निवासी है, उसे उसी निकाय के सामूहिक विवाह सम्मेलन में शामिल होना होगा। पहले कन्या विवाह-निकाह का आयोजन 9 बड़े मुहूर्तों पर किया जाता था। अब केवल दो ही मुहूर्त दिए जाएंगे, जिनमें शादी हो सकेगी। खबर है कि सामाजिक न्याय विभाग ने इसकी तैयारी भी कर ली है।

साल 2020 में कोरोना महामारी की वजह से कोई सामूहिक विवाह नहीं हुआ। इससे सरकार को करोड़ों रुपए की बचत हुई है। हर साल मुख्यमंत्री विवाह योजना में 200 करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च होते रहे हैं। अब नए प्रावधानों के लागू होने के बाद 40 से 50 करोड़ रुपये की बचत होगी।