इंदौर। वार्षिक स्वच्छता सर्वेक्षण के आंकड़े जारी कर दिए गए हैं। मध्य प्रदेश का इंदौर एक बार फिर देश का सबसे स्वच्छ शहर बनकर उभरा है। लगातार आठवीं बार इंदौर वासियों को साफ-सफाई के प्रति जिम्मेदार होने का खिताब मिला है। वहीं, दूसरे नंबर पर सूरत और तीसरे नंबर पर नवी मुंबई है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने गुरुवार को इंदौर को स्वच्छता का सर्वोच्चय सम्मान दिया।
इस बार इंदौर को सुपर लीग में भी शामिल किया गया है, जिसमें देश के उन 23 शहरों को जगह दी गई है जो अब तक के सर्वे में पहले, दूसरे या तीसरे स्थान पर रह चुके हैं। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्रीय राजधानी स्थित विज्ञान भवन में आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय (एमओएचयूए) की ओर से आयोजित एक समारोह में स्वच्छ सर्वेक्षण 2024-25 पुरस्कार प्रदान किए। केंद्रीय आवास एवं शहरी मामलों के मंत्री मनोहर लाल और अन्य लोग इस कार्यक्रम में शामिल हुए।
समारोह में इंदौर से अवॉर्ड लेने मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, महापौर पुष्यमित्र भार्गव और निगम आयुक्त पहुंचे थे। इंदौर महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने कहा कि इंदौर फिर सिरमौर है। इस बार भारत सरकार ने इंदौर और इंदौर जैसे शहरों को अलग लीग में रखा था और उसके अलावा के शहरों की रैंकिंग की थी। इस लीग में हम देश के अन्य शहरों से पहले भी सबसे ऊपर थे। इस लीग में आकर भी इंदौर का परिणाम सिरमौर का है।
सुपर लीग में शामिल शहरों को सिर्फ अपने आपको ही स्वच्छ नहीं रखना है बल्कि उस शहर की सफाई व्यवस्था को भी पटरी पर लाना है, जिसकी जिम्मेदारी उन्हें 17 जुलाई को सौंपी गई। बता दें कि स्वच्छ सर्वेक्षण में वर्ष 2017 से इंदौर पहले नंबर पर आ रहा है। इंदौर को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी कह चुके हैं कि दूसरे शहर जब कुछ करने का सोचते हैं, तब तक इंदौर वह काम कर चुका होता है। यह बात स्वच्छता को लेकर भी सही साबित हुई है। इंदौर के जनभागीदारी मॉडल की देशभर में तारीफ होती है।
केंद्र सरकार के मुताबिक स्वच्छ सर्वेक्षण मिशन का मकसद बड़े पैमाने पर नागरिक भागीदारी को प्रोत्साहित करना है। इसके साथ ही इससे समाज के सभी वर्गों के बीच कस्बों और शहरों को रहने के लिए बेहतर स्थान बनाने के लिए मिलकर काम करने के लिए जागरूक करने का प्रयास किया जाता है। नौवें वर्ष में प्रवेश करते हुए स्वच्छ सर्वेक्षण ने स्वच्छता, अपशिष्ट प्रबंधन और सेवा वितरण का मूल्यांकन किया। इसमें 10 मापदंडों और 54 संकेतकों का इस्तेमाल करते हुए 4,500 से अधिक शहरों को कवर किया गया।