इंदौर। इंदौर नगर निगम में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस पार्षद चिंटू चौकसे को रविवार सुबह पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। उन पर हीरानगर थाना क्षेत्र में हुई झड़प में शामिल होने का आरोप है। उनकी गिरफ्तारी के विरुद्ध कांग्रेस ने मोर्चा खोल दिया है। कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने थाने के बाहर जमकर प्रदर्शन किया।

यह विवाद शनिवार देर रात पानी के टैंकर को हटाने को लेकर हुआ था, जिसमें बीजेपी और कांग्रेस कार्यकर्ताओं के बीच तीखी झड़प हो गई थी। पुलिस ने मामले में गंभीर धाराओं के तहत 8 लोगों के खिलाफ नामजद एफआईआर दर्ज की है। घटना में बीजेपी कार्यकर्ता कपिल पाठक गंभीर रूप से घायल हो गए, जिन्हें इलाज के लिए एमवाय अस्पताल में भर्ती कराया गया है। शिकायत भी उन्हीं की ओर से दर्ज कराई गई थी। 

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पुलिस ने चिंटू चौकसे और सुभाष को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि अन्य छह आरोपी फरार हैं। फरार आरोपियों में रोहन, ईशान, राधेश्याम और गौरव के नाम सामने आए हैं। एडिशनल डीसीपी राम स्नेही मिश्रा ने बताया कि दोनों पक्षों के बच्चों के बीच विवाद की शुरुआत हुई थी, जो बाद में हिंसक रूप ले लिया। एडिशनल डीसीपी ने कहा कि पानी के टैंकर को हटाने को लेकर विवाद हुआ, जिसके बाद दोनों पक्ष आमने-सामने आ गए।

पुलिस का कहना है कि घायल बीजेपी कार्यकर्ता के सिर में गहरी चोटें आई हैं। वहीं कांग्रेस पक्ष का कहना है कि उन्हें भी चोटें आई हैं, लेकिन अब तक उन्होंने कोई शिकायत दर्ज नहीं कराई है। गिरफ्तारी के बाद चिंटू चौकसे को मेडिकल जांच के लिए एमवाय अस्पताल लाया गया। एमवाय अस्पताल में मेडिकल चेकअप के दौरान चिंटू चौकसे ने कहा कि यह अंधेर नगरी चौपट राजा है। मैं उस जगह मौजूद ही नहीं था। जो घटना मामूली थी, उसे आईपीसी की धारा 307 (हत्या की कोशिश) में बदल दिया गया है। यह जंगलराज नहीं तो और क्या है? 

घटना के बाद थाने के बाहर चिंटू चौकसे के समर्थकों ने पुलिस के खिलाफ नारेबाजी भी की। उधर, पूर्व मंत्री सज्जन वर्मा मामले में कमिश्नर संतोष सिंह से बात करने उनके दफ्तर पहुंचे। उनके साथ कांग्रेस शहर अध्यक्ष सुरजीत चड्ढा, जिला अध्यक्ष सदाशिव यादव, पूर्व विधायक अश्विन जोशी और शोभा ओझा भी थे।