भोपाल। प्रदेश के हजारों जूनियर डाक्टर्स हड़ताल पर जाने की तैयारी में हैं। वे अपनी 5 सूत्रीय मांगें पूरा करवाने के पर अड़े हैं। मांगे पूरी नहीं होने पर उन्होंने कोरोना काल में ड्यूटी करने से इनकार किया है। जूनियर डाक्टरों की मांग है कि उनका मानदेय 6 फीसदी सालाना बढ़ाया जाए, साल भर से कोरोना ड्यूटी की वजह से उनकी पढ़ाई का भारी नुकसान हुआ है, इसलिए फीस माफी की जाए। उन्हें ग्रामीण सेवा के बंधन से मुक्त किया जाए। कोरोना महामारी के दौरान सेवा के लिए प्रशस्ति पत्र मिले, जिसका फायदा सरकारी भर्तियों के दौरान उन्हें मिल सके।

अपनी मांगे मनवाने के लिए जूनियर डाक्टरों ने प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग को ज्ञापन सौंपा है। जूनियर डाक्टर लंबे समय से स्टाइपेंड की मांग कर रहे हैं। उनकी मांग है कि अगर किसी जूनियर डॉक्टर को कोरोना हो जाए तो उसका बेहतर इलाज सरकार द्वारा करवाया जाए।

बता दें कि प्रदेश में करीब साढ़े 4 हजार जूनियर डॉक्टर्स हैं, जूडा के काम बंद कर देने से नॉन कोविड मरीजों को आज काफी परेशानी उठानी पड़ रही है। दरअसल कोरोना संक्रमण की वजह से कई जिलों में नॉन कोविड मरीजों का इलाज़ केवल मेडिकल कॉलेज के अस्पतालों में ही हो रहा है। जिसकी वजह से नॉन कोविड मरीज इलाज करवाने मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में पहुंच रह हैं।

मेडिकल कॉलेजों के जूनियर डॉक्टर्स कोरोना महामारी के कठिन समय में हड़ताल की धमकी दी है, वे अपनी मांगें मनवाने पर अड़े हैं। गुरुवार को आपतकालीन सेवा रोकी है, शुक्रवार से कोरोना मरीजों के इलाज का बहिष्कार कर देंगे। जूनियर डॉक्टर्स का आरोप है कि सरकार साल भर से उनका वादा पूरा करने का आश्वासन दिया था लेकिन मांगें अब तक नहीं पूरी हुई हैं।