भोपाल। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने हर सरकारी कार्यक्रम से पहले कन्या पूजन का एलान करने वाली शिवराज सरकार से कई तीखे सवाल किए हैं। कमलनाथ ने कहा है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को कन्या पूजन के अलावा प्रदेश में बेटियों की सुरक्षा पर भी ध्यान देना चाहिए। सिर्फ कन्या पूजन ही काफी नहीं है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमल नाथ ने आरोप लगाया कि प्रदेश की बीजेपी सरकार बेटियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में पूरी तरह नाकाम साबित हुई है।



कमल नाथ ने इस मसले पर एक के बाद एक ट्वीट करके कई अहम मसले उठाए हैं। कांग्रेस नेता ने ट्विटर पर लिखा है, प्रदेश में प्रतिदिन मासूम बच्चियां दरिदंगी का शिकार हो रही हैं। उन्हें आज सुरक्षा की सबसे ज़्यादा आवश्यकता है, लिहाज़ा मुख्यमंत्री को उस तरफ भी ध्यान देना चाहिए। कमल नाथ ने ट्विटर पर लिखा है, 'शिवराज जी आप प्रदेश में हर कार्यक्रम के पूर्व कन्या पूजन का निर्णय लीजिये, उसका सदैव स्वागत है क्योंकि हमारे समाज में बेटियों की सर्वत्र पूजा होती है, उनका सम्मान किया जाता है, यह हमारे सामाजिक संस्कार भी हैं। लेकिन क्या सिर्फ़ कन्या पूजन करना ही काफ़ी है , क्या उन्हें सुरक्षा देने का दायित्व सरकार का नहीं है? आँकड़े ख़ुद स्थिति बया कर रहे है, आपकी पूर्व की सरकार की बात करें या वर्तमान सरकार की, बहन- बेटियाँ ही सबसे ज़्यादा असुरक्षित रही हैं।



 





 



प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने राज्य में बच्चियों की हिफाज़त का मसला उठाते हुए लिखा है, 'प्रदेश में प्रतिदिन मासूम बच्चियाँ दरिंदगी का शिकार हो रही है। उन्हें आज सुरक्षा की सबसे ज़्यादा आवश्यकता है। एक तरफ़ आपकी सरकार यह आदेश निकाल रही है , वही दूसरी तरफ़ शहडोल में एक माह में 30 मासूम बच्चे मौत के आग़ोश में समा चुके हैं। आपकी सरकार इस दिशा में गंभीर लापरवाह बनी हुई है , ऐसा लग रहा है कि स्थिति सरकार के नियंत्रण से बाहर हो चुकी है , मौत का आँकड़ा निरंतर बढ़ता जा रहा है। एक समीक्षा बैठक के बाद आप भी ग़ायब है। ज़रा उन मासूमों को सुरक्षा व समुचित इलाज देने का अपना दायित्व भी निभाइये।'



दरअसल गुरुवार को राज्य सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग ने मुख्यमंत्री के निर्देश पर एक आदेश पारित किया है, जिसके तहत मध्य प्रदेश के हर सरकारी कार्यक्रम से पहले कन्या पूजन किया जाएगा। इसकी घोषणा खुद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपने 15 अगस्त के भाषण में की थी। लेकिन जब तक प्रदेश में महिलाओं-बच्चियों की सुरक्षा की स्थिति में सुधार नहीं होता, ऐसे कार्यक्रमों को सिर्फ दिखावे और प्रचार की कोशिशों से ही जोड़कर देखा जाता रहेगा।