भोपाल। मध्यप्रदेश अब कोरोना से संक्रमित राज्यों में सातवें स्थान पर पहुँच गया है। प्रदेश में बेलगाम होते हुए कोरोना के कहर को देखते हुए पीसीसी चीफ कमल नाथ ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को कुछ सुझाव दिए हैं। कमल नाथ ने प्रदेश में कोरोना की रोकथाम के लिए शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखा है, जिसमें कमल नाथ ने कहा है कि राज्य सरकार को अब टीकाकरण के लिए उम्र के बंधन को समाप्त कर देना चाहिए। 

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कमल नाथ ने शिवराज को सुझाव देते हुए कहा है कि चूँकि प्रदेश में कोरोना अब बेकाबू हो गया है इसलिए अब हर उम्र के लोगों के लिए टीका बहाल कर देना चाहिए। कमल नाथ ने कहा है कि आज टीकाकरण को गहनता से लागू करने की आवश्यकता है। इसलिए ज़रूरी है कि टीकाकरण के लिए उम्र के हर बंधन को समाप्त कर प्रदेश के हर नागरिक को कोरोना का टीका निःशुल्क लगाया जाना चाहिए। कमल नाथ ने कहा है कि कोरोना के प्रथम लहर और अब नयी लहर में जो भी क्षेत्र कोरोना से अधिक संक्रमित हुए हैं, उन जगहों को चिन्हित कर वहां पर टीकाकरण का कार्य प्राथमिकता के साथ किया जाना चाहिए।  
 

इसके साथ ही पीसीसी चीफ ने शिवराज को हिदायत दी है कि टीकाकरण की  अधिक से अधिक उपलब्धता सुनिश्चित की जानी चाहिए। ताकि टीकाकरण केंद्र पर आने वाले किसी भी व्यक्ति के बिना टीका लगाए घर वापस जाने की नौबत न आ पाए। पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ ने कहा है कि राज्य सरकार को स्वास्थ्यकर्मियों को यह निर्देश देने चाहिए कि वे सब खुद घर घर जाकर टीकाकरण के प्रति जागरूकता पैदा करें और लोगों से टीकाकरण केंद्रों पर आने के लिए अपील करें।  

कमल नाथ ने मुख्यमंत्री को कोरोना के रैपिड टेस्ट की संख्या भी बढ़ाने का सुझाव दिया है। कमल नाथ ने कहा है कि घर घर जाकर लोगों के रैपिड टेस्ट किए जाने चाहिए। टेस्ट की रिपोर्ट भी लोगों को 8 घंटे के भीतर मिल जानी चाहिए। इसके कारण कोरोना पर प्रभावी रोकथाम लगेगी। कमल नाथ ने निजी अस्पतालों में भी कोरोना के उपचार की दरें भी कम किए जाने की मांग की है। तथा मुख्यमंत्री से कोरोना की दवाई और इंजेक्शन की कालबाज़ारी पर रोक लगाने सहित कुल 12 बिंदुओं में अपने सुझाव दिए हैं।  

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हालांकि खुद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अभी भोपाल के मिंटो हॉल में 24 घंटे के स्वास्थ्य आग्रह पर बैठे हुए हैं। जिसके ज़रिए मुख्यमंत्री लोगों को कोरोना के प्रति जागरूक करने की कोशिश कर रहे हैं। खुद पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ शिवराज के इस कदम को नौटंकी करार दे चुके हैं। कमल नाथ ने कहा है कि जब भी प्रदेश की जनता को सरकार की ज़रूरत होती है। शिवराज मुद्दे से ध्यान भटकाने के लिए उपवास पर बैठ जाते हैं।