इंदौर। मध्य प्रदेश के पूर्व मंत्री और कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी समेत 50 कांग्रेस कार्यकर्ताओं और किसानों के खिलाफ इंदौर पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया है। पुलिस ने ये कार्रवाई किसानों के समर्थन में कांग्रेस के धरना-प्रदर्शन को ट्रैफिक में व्यवधान बताते हुए दर्ज़ किया है। आरोप लगाया गया है कि कांग्रेस के धरना-प्रदर्शन की वजह से ट्रैफिक व्यवस्था खराब हुई। जीतू पटवारी ने प्रशासन की इस कार्रवाई पर प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए कहा है कि किसानों के इस लड़ाई में कांग्रेस हमेशा उनके साथ खड़ी रहेगी।



दरअसल, कल कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी ने अपने विधानसभा क्षेत्र राऊ में ट्रैक्टर मार्च और चक्काजाम आंदोलन किया था। इस दौरान सैकड़ों कांग्रेस कार्यकर्ता और किसान मोदी सरकार के नए कृषि कानूनों के खिलाफ एकजुटता दिखाते हुए जमा हुए। इस दौरान पुलिस ने बैरिकेडिंग करके वाहनों की आवाजाही पर रोक लगा दी गई। 





कांग्रेस के सभी नेता इसके बाद तेजाजीनगर चौराहे पर पेट्रोल पंप के पास ट्रैक्टर खड़े करके सड़कों पर बैठ गए। इस दौरान विधायक जीतू पटवारी ने लोगों से सभी किसानों तक पहुंचकर इन कानूनों की विसंगतियों के बारे में बताने की अपील की । प्रदर्शन के बाद जीतू पटवारी, कांग्रेस जिलाध्यक्ष सदाशिव यादव, दौलत पटेल समेत करीब 50 कांग्रेसियों पर धारा 188 और धारा 341 के तहत तेजाजी नगर की पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया है। 





वहीं जीतू पटवारी ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस करके केंद्र सरकार को फिर से ललकारा है। पटवारी ने कहा है कि जबतक यह कनून वापस नहीं होते तबतक हम डटे रहेंगे। उन्होंने यह भी बताया है कि आने वाले दिनों में मध्यप्रदेश कांग्रेस और बड़े विरोध प्रदर्शनों का नेतृत्व करेगी जिसमें राजभवन घेराव से लेकर महापंचायत करने का कार्यक्रम शामिल है। पटवारी के इस बयान से साफ है कि किसानों के अधिकारों के लिए हो रहे आंदोलन का समर्थन करने से कांग्रेस पीछे नहीं हटेगी। 





गौरतलब है कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों के समर्थन में देशभर में कांग्रेस सड़कों पर प्रदर्शन कर रही है। कांग्रेस ने अब प्रदर्शन को और तेज कर दिया है जिसके बाद से कई राज्यों में लगातार पार्टी कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज और एफआईआर की खबरें आ रही हैं। उत्तर प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू को तो यूपी पुलिस ने कल लखनऊ में गिरफ्तार भी कर लिया था। कांग्रेस हाईकमान ने भी स्पष्ट कर दिया है कि तीनों कानूनों को वापस लेने से कम में कोई बात नहीं बनेगी। पार्टी के इस रुख से माना जा रहा है कि कांग्रेस इस मुद्दे पर आरपार की लड़ाई की मूड में है।