भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश के लिए शिक्षा और स्वास्थ्य पर रोडमैप बनाने के लिये आयोजित वेबिनार के समापन सत्र में शामिल हुए। इस दौरान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एक बार फिर स्वास्थ्य सेवाओं के निजीकरण पर जोर दिया है। उनका कहना है कि प्रदेश के सभी जिला चिकित्सालयों में स्वास्थ्य की बेहतर सुविधाएं मौजूद होनी चाहिए। ताकि जिला अस्पतालों से किसी भी मरीजों को रेफर करने की जरूरत नहीं पड़े। प्रदेश में हर प्रकार का इलाज उपलब्ध कराया जाएगा जिससे मरीजों को इलाज के लिए मध्यप्रदेश से बाहर नहीं जाना पड़े। इसके लिए सरकार निजी क्षेत्रों के साथ मिलकर कार्य करेगी।

एक तरफ तो सरकार के आला अफसर से लेकर मंत्री और मुख्यमंत्री अपना इलाज करवाने निजी अस्पताल में जाते हैं। लेकिन सुविधाओं की तारीफ सरकारी अस्पतालों की करते हैं। वेबिनार में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि राज्य सरकार ने स्वास्थ्य के क्षेत्र में काफी व्यवस्थाएं बनायी हैं। शासकीय अस्पताल चिकित्सक विहीन न हों, इसके प्रयास किए गए। चिकित्सकों की कमी दूर करने का काम हुआ है। अस्पतालों में जांच और उपचार की व्यवस्थाएं बढ़ाई गई हैं। कोरोना काल में अनेक स्वास्थ्य सेवाएं बेहतर बनाने का प्रयास पिछले 4 महीने में हुए हैं। प्रदेश में एम्बूलेंस सेवाएं बेहतर बनाने की कोशिश की गई है। जिसे आगे भी जारी रखा जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि डॉक्टर्स के साथ पैरामेडिकल स्टाफ की कमी दूर करने के पूरे प्रयास किए जा रहे हैं। जांच की व्यवस्था, साथ ही उपकरण को ऑपरेट करने के लिए ऑपरेटर भी हो, तभी स्वास्थ्य के क्षेत्र में आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश का लक्ष्य पूरा होगा।

यूनिवर्सल हेल्थ कवरेज को बताया लक्ष्य

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश में

स्वास्थ्य सूचकांकों के सुधार पर ध्यान दिया जाए।

शिशु मृत्यु दर और मातृ मृत्यु दर में कमी आए।

यूनिवर्सल हेल्थ कवरेज का लक्ष्य हो। मध्य प्रदेश के

शासकीय अस्पताल विशेष रुप से जिला अस्पताल पूर्ण सक्षम हों। रोगी को रेफर करने की जरूरत न हो।

प्रदेश में 13 नए मेडिकल कॉलेज खोलने की पहल की गई।

नये शुरू किए गए मेडिकल कॉलेजों से जनता को सुविधा प्राप्त हुई है।

 

प्राकृतिक चिकित्सा पर भी दिया जा रहा ध्यान

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में एलोपैथी इलाज के साथ योग, प्राकृतिक चिकित्सा, आयुर्वेद और अन्य पद्धतियों का प्रयोग करने पर जोर दिया जा रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य केन्द्रों की व्यवस्थाएं ज्यादा अच्छी करने का प्रयास रहेगा। उन्होंने बताया कि कोरोना काल में करोड़ों परिवारों तक काढ़ा पहुंचाया गया। इम्यूनिटी बढ़ाने के प्रयास किए गए हैं, ताकि लोग बीमार ही न हों, ऐसी परिस्थिति निर्मित हो। रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के प्रयास जारी रहेंगे। जिला अस्पतालों और चिकित्सा महाविद्यालयों से जुड़े अस्पतालों में और बेहतर व्यवस्था का लक्ष्य है।

आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश के लिए शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे प्रमुख बिन्दुओं पर सोमवार को देश के विषय-विशेषज्ञों के साथ वेबीनार के माध्यम से विचार-विमर्श किया। वेबिनार के समापन सत्र में केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन शामिल हुए।