भोपाल। मध्य प्रदेश उपचुनाव में मतदान से महज दो दिन पहले चुनाव आयोग ने शिवराज सरकार के उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव के चुनाव प्रचार करने पर एक दिन की रोक लगा दी है। मोहन यादव अब 31 अक्टूबर को चुनाव प्रचार नहीं कर पाएंगे। शनिवार को वे किसी सभा, जुलूस, रोड शो में हिस्सा नहीं ले पाएंगे और न ही किसी टीवी शो, साक्षात्कार या फिर मीडिया से कोई अन्य बातचीत कर पाएंगे। चुनाव आयोग ने प्रदेश सरकार के दो अन्य मंत्री उषा ठाकुर और गिर्राज दंडोतिया को भी आचार संहिता के उल्लंघन का नोटिस जारी कर 48 घंटों के अंदर जबाब मंगा है। 

चुनाव आयोग ने अपने बयान में कहा है कि 11 अक्टूबर को मोहन यादव ने कार्यकर्ताओं की बैठक में जिन शब्दों का उपयोग किया वह आचार संहिता उल्लंघन के दायरे में आती हैं। उन्होंने बैठक में कार्यकर्ताओं से कहा था कि हम अच्छे के साथ अच्छा कदम मिलाकर चलना जानते हैं और यदि कोई हमारा बुरा करने जाएगा तो हम उसको घर से निकालकर जमीन में गाड़ने वाले लोग हैं। कांग्रेस की शिकायत पर मंत्री मोहन यादव को नोटिस जारी करके उनसे जवाब मांगा गया था पर उनके जवाब से आयोग संतुष्ट नहीं हुआ। जिसके बाद आयोग ने उन पर बैन लगाते हुए कहा कि 31 अक्टूबर के लिए मोहन यादव पर प्रतिबंध लगाया जाता है। उनसे उम्मीद की जाती है कि एक जिम्मेदार नेता होने के नाते वे इसका पालन करेंगे। 

वहीं बीजेपी के उम्मीदवार और मंत्री गिरिराज दंडोतिया ने 22 अक्टूबर को काग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ के इमरती देवी पर विवादित बयान पर कहा था कि जो अपशब्द उन्होंने डबरा में कहा था अगर चंबल में कहा होता तो यहां से जिन्दा नहीं जाते। इसी तरह मंत्री उषा ठाकुर ने 27 अक्टूबर को पत्रकारों से बात करते समय मदरसों को लेकर कहा था कि मदरसों से आतंकवादी पैदा होते हैं। इन बयानों पर आपत्ति जताते हुए चुनाव आयोग ने उषा ठाकुर और दंडोतिया से जवाब मांगा है। 

पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ पर चुनाव आयोग की कार्रवाई और उनके स्टार प्रचारक का दर्जा छीने जाने के बाद से कांग्रेस आयोग पर पक्षपात का आरोप लगा रही थी। चुनाव आयोग ने इसके एक दिन बाद ही बीजेपी के उपरोक्त तीन नेताओं पर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।