मध्य प्रदेश देश के उन राज्यों में शामिल है, जहां कोरोना वायरस का बहुत बुरा असर पड़ा है। इस बीच राज्य से एक और चिंताजनक खबर आई है। सप्लाई चेन में गड़बड़ी के चलते अगले दो से तीन दिनों में राज्य में स्वचालित आरएनए एक्सट्रैक्सन किट की भारी कमी होने वाली है। इनका प्रयोग कोरोना वायरस सैंपल की जांच प्रक्रिया में होता है।



द हिंदू के अनुसार राज्य में कोरोना वायरस से सर्वाधिक प्रभावित शहर इंदौर में आज ही स्वचालित आरएनए किट खत्म हो जाएंगी। इंदौर में राज्य के 66 प्रतिशत मामले सामने आए हैं। वहीं भोपाल में एम्स और गांधी मेडिकल कॉलेज की लैबों में कल इनकी कमी हो जाएगी। भोपाल के ही मेमोरियल हॉस्पिटल और रिसर्च सेंटर में अगले दो दिनों में आरएनए एक्सट्रैक्सन किट खत्म हो जाएंगी। जबलपुर की लैब का भी यही हाल है।



राज्य के स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक  टेस्टिंग किट की कमी की वजह से बाकी छह लैबों में बहुत कम टेस्टिंग हो पा रही है।



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राज्य के स्वास्थ्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री हर्ष वर्धन को बताया, “हमारे पास पर्याप्त मशीनें हैं। यहां तक, हम और मशीनें मंगा सकते हैं, लेकिन हमारे पास टेस्टिंग किट नहीं बची हैं। अगर आप जल्द से जल्द किट भेज दें तो इससे बहुत राहत मिलेगी।”राज्य में स्वचालित आरएनए किट की कमी पर सीपीएम महासचिव सीताराम येचुरी ने राज्य सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा, “मध्य प्रदेश संक्रमण का एक बड़ा हॉटस्पॉट है। राज्य में मृत्यु दर भी बहुत अधिक है। ऐसे में टेस्टिंग के लिए राज्य में किट की कमी हो गई है। इस स्थिति के लिए सीधे तौर पर बीजेपी का शीर्ष नेतृत्व जिम्मेदार है। एक चुनी हुई सरकार को गिराने से राज्य के लोगों पर बहुत भारी बोझ पड़ा है।”





मध्य प्रदेश पब्लिक हेल्थ सर्विस कॉरपोरेशन लिमिटेड के ओएसडी एस धनराजू ने बताया, “सप्लाई में गड़बड़ हो रही है। महीने के आखिर तक इसके बने रहने की आशंका है। इससे टेस्टिंग पर असर पड़ रहा है। एक घंटे में 12 मैनुअल आरएनए किट का प्रयोग किया जा सकता है, वहीं इतने ही समय में 24 स्वचालित आरएनए किट प्रयोग में लाई जा सकती हैं।”



उन्होंने आगे बताया कि अमेरिका और जर्मनी दोनों जगह विक्रेता महामारी की वजह से बुरी तरह से प्रभावित हुए हैं। कंपनियां सप्लाई नहीं कर रही हैं। जबकि पूरी दुनिया में किटों की मांग बढ़ रही है। घरेलू निर्माण के लिए भी कच्चे माल की कमी है। राज्य ने लगभग सवा लाख आरएनए आइसोलेशन किट का ऑर्डर दिया है, जिसमें से अब तक 23 हजार किट ही मिली हैं।



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राज्य में लैब के प्रंबंधन को देख रहे अधिकारी रूबी खान ने कहा, “शुरुआत में हमारे पास पांच से दस हजार किट थीं। अब हमारा स्टॉक खत्म हो गया है।”



इंदौर के डिवीजनल कमिश्नर आकाश त्रिपाठी का कहना है कि अगर हमें जल्द किट नहीं मिलीं तो तो टेस्टिंग रेट में भारी कमी आ जाएगी।  इंदौर में फिलहाल कोरोना वायरस के 1,029 मामले सामने आ चुके हैं और 55 लोगों की मौत हो चुकी है।