भोपाल। मशहूर शायर राहत इंदौरी ने इस दुनिया को अलविदा कह दिया है। मंगलवार शाम को अरविंदो अस्पताल में राहत साहब का निधन हो गया। जैसे जैसे राहत साहब के दुनिया से विदा होने की खबर लोगों को लग रही है, वैसे वैसे सोशल मीडिया पर राहत साहब की यादों का सैलाब आ गया है। उनके चाहने वाले अपने सबसे प्रिय शायर को श्रद्धांजलि अर्पित कर रहे हैं। क्या नेता, क्या अभिनेता सब एक साथ राहत साहब की रूह को शान्ति मिलने की दुआ कर रहे हैं।
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने ट्वीट किया “अब ना मैं हूँ ना बाक़ी हैं ज़माने मेरे, फिर भी मशहूर हैं शहरों में फ़साने मेरे...” अलविदा, राहत इंदौरी साहब।
सामाजिक सद्भाव के पक्षधर थे राहत साहब
प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ ने राहत साहब को याद करते हुए उन्हें सामाजिक सद्भाव का पक्षधर बताया है। कमल नाथ ने लिखा है कि सामाजिक सद्भाव के वे हमेशा पक्षधर रहे , उन्होंने अपनी बेजोड़ शायरी से इंदौर शहर का नाम देश भर में रोशन किया।अदभुत कला के व्यक्तित्व राहत इंदौरी साहब के निधन पर मै अपनी ओर से परिवार के प्रति संवेदनाएँ व्यक्त करता हूँ।
पूर्व मुख्यमंत्री और राज्यसभा सदस्य दिग्विजय सिंह ने ट्वीट किया कि देश ने एक प्रतिष्ठित शायर खो दिया। राहत इंदौरी जी देश भक्त और राष्ट्रीय एकता के प्रतीक थे। हम प्रभु से प्रार्थना करते हैं उन्हें जन्नत नसीब हो।
सफर जारी रहे
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राहत साहब की याद में लिखा है कि 'राहत जी आप यूँ हमें छोड़ कर जाएंगे, सोचा न था। आप जिस दुनिया में भी हों, महफूज़ रहें, सफर जारी रहे।
कुदाल को कुदाल कहने का साहस था राहत साहब में
मशहूर शायर और गीतकार जावेद अख्तर राहत साहब का स्मरण करते हुए लिखते हैं ' राहत साहब का निधन समकालीन उर्दू शायरी और हमारे समाज के लिए एक अपूरणीय क्षति है।हबीब जालिब की ही तरह वह कवियों की तेजी से लुप्त होती जा जनजाति से थे , जिन्हें कुदाल को कुदाल कहने का साहस था।
बस कहने को इंदौरी थे
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने अपने ट्विटर अकाउंट पर अपनी और राहत साहब की तस्वीर साझा करते हुए लिखा है कि यूँ तो सारी दुनिया के थे, बस कहने को इंदौरी थे।
यूँ तो सारी दुनिया के थे
बस कहने को इंदौरी थे
राहत इंदौरी जी को याद करते हुए...#RahatIndori pic.twitter.com/XhSbGjFbmO
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) August 11, 2020