मध्‍य प्रदेश में कमलनाथ सरकार को गिराने के मुख्‍यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के कथित ऑडियो वायरल होने के बाद कांग्रेस ने बीजेपी को घेर लिया है। इस बीच मुख्‍यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के एक ट्वीट और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के जवाब ने राजनी‍ति को पाप और पुण्‍य की परिभाषा में बांट दिया है।



एमपी में पाप और पुण्‍य की सियासत तब शुरू हुई जब मुख्‍यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट किया कि पापियों का विनाश तो पुण्य का काम है। हमारा धर्म तो यही कहता है। क्यों? बोलो, सियापति रामचंद्र की जय!





 



माना गया कि शिवराज सिंह चौहान ने यह ट्वीट कर सरकार गिराने के उनके ऑडियो के बाद हमलावर हुई कांग्रेस को जवाब दिया है। शिवराज सिंह चौहान के ट्वीट के बाद पूर्व मुख्‍यमंत्री कमलनाथ ने दो ट्वीट किए। कमलनाथ ने ट्वीट में बिना नाम लिए मुख्यमंत्री शिवराज को धर्म का पाठ पढ़ाया है।



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कमलनाथ ने कहा कि कुछ लोग खुद को बड़ा धर्म प्रेमी बताते हैं। ख़ूब ढोंग करते है, लेकिन सच्चाई यह है कि ये ही लोग सबसे बड़े अधर्मी ,पापी हैं। जनता के धर्म यानि जनादेश को नहीं मानते हुए उसका अपमान करने वाले धर्म प्रेमी कैसे? धोखा,फ़रेब,साज़िश, ख़रीद फ़रोख़्त, षड्यंत्र, प्रलोभन,ये आचरण तो धर्म कभी नहीं सिखाता? एक समय जिन्हें पापी बताते थे, आज वो ही संगी साथी है। कोई नियत-नीति नहीं, नैतिकता नहीं, कोई सिद्धांत नहीं, यह धर्म की राह कैसे?





प्रदेश कांग्रेस अध्‍यक्ष कमलनाथ ने अपना हमला जारी रखते हुए ट्वीट किया है कि क्या किसानो का क़र्ज़ माफ़ करना पाप है? क्या युवाओं को रोज़गार देना पाप है? क्या जनता को, किसानों को सस्ती बिजली उपलब्ध कराना पाप है? क्या महिलाओं को सुरक्षा व सम्मान देना पाप है? क्या मिलावट मुक्त प्रदेश बनाना पाप है? क्या माफ़ियाओ के ख़िलाफ़ अभियान चलाना पाप है? क्या प्रदेश में निवेश लाकर बेरोज़गारी दूर करना पाप है? क्या कन्या विवाह की राशि को बढ़ाना पाप है? क्या सामाजिक सुरक्षा पेंशन की राशि बढ़ाना पाप है? क्या प्रदेश पर पिछले 15 वर्षों में लगे दाग़ धोना पाप है? यदि यह पाप है तो प्रदेश की जनता के हित में यह पाप हम करते रहेंगे।





 



गौरतलब है कि मुख्‍यमंत्री शिवराज सिंह चौहान 8 जून को इंदौर दौरे के दौरान सांवेर गए थे। वहां भाजपा कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए उनका ऑडियो और अब वीडियो वायरल हुआ है। इसमें वे कहते सुनाई दे रहे हैं कि भाजपा का शीर्ष नेतृत्व चाहता था कि प्रदेश में कांग्रेस की सरकार को गिराया जाए। ऐसे में ज्‍योतिरादित्‍य सिंधिया और तुलसीराम सिलावट को अपने खेमे में लाए बगैर प्रदेश की कमलनाथ सरकार को गिराना संभव नहीं था। इस खुलासे के बाद कांग्रेस लगातार भाजपा पर हमले कर रही है।