भोपाल। मध्य प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र का तीसरा दिन भी हंगामेदार रहा। विधानसभा में कई मुद्दों पर पक्ष और विपक्ष में तीखी बहस देखने को मिली। सत्र के दौरान फफूंद लगे, घुन लगे और सड़े हुए अनाज को लेकर सरकार का एक अजीबोगरीब बयान सामने आया। दरअसल, सरकार को भी यह नहीं पता है कि वह सड़ा हुआ अनाज किससे खरीदती है।



कांग्रेस के युवा विधायक कुणाल चौधरी ने विधानसभा में सड़े हुए अनाज का मुद्दा उठाया था। चौधरी ने राज्य सरकार से पूछा कि मध्य प्रदेश सरकार किसके मिल से सड़े हुए चावल खरीदती है, अबतक कितने क्विंटल सड़े हुए अनाज खरीदे गए और उसपर कितने रुपए खर्च किए गए। सड़ा हुआ अनाज बेचने वालों पर क्या कार्रवाई हुई और नहीं हुई तो क्यों नहीं हुई।'



चौधरी के इन सवालों पर खाद्य मंत्रालय ने ये कहकर पल्ला झाड़ लिया कि इसपर जानकारी एकत्रित की जा रही है। सरकार के इस बयान पर कांग्रेस विधायक भड़क गए। उन्होंने आरोप लगाया कि खाद्य मंत्री बिसाहुलाल सिंह दलाली कर रहे हैं। कुणाल चौधरी ने विधानसभा परिसर में पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि, 'सरकार प्रदेश में माफ़ियातंत्र को संरक्षण देने का काम कर रही है। सदन के अंदर सवाल पूछो तो सिर्फ जानकारी एकत्रित करने की बात की जा रही है।'





कांग्रेस विधायक ने आगे कहा कि, 'मिलरों से जो सरकार ने चावल खरीदा उसके बारे में केंद्रीय दल ने पाया कि ये जहरीले चावल हैं जो जानवरों के खाने लायक भी नहीं है। उन चावलों के मिलरों पर क्या करवाई हुई क्यों नहीं हुई इसकी जानकारी सरकार के पास नहीं है? 2020 से अबतक जानकारी क्यों नहीं है। खाद्य मंत्री माफियाओं के दलाल के रूप में काम कर रहे हैं। प्रदेश में लूट सको तो लूट लो योजना चल रही है। ये वही लूट का पैसा है जिससे कांग्रेस सरकार गिराई गयी थी और उसी की वसूली का काम चल रहा है।'