बड़वानी। मध्यप्रदेश के बड़वानी में रोजगार मांग रहे आदिवासी छात्रों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज करने का मामला गरमा गया है। संयुक्त छात्र मोर्चा ने पुलिस की कार्रवाई के खिलाफ थाने का घेराव किया है। इसी बीच विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष कमलनाथ और राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने छात्रों का समर्थन किया है।

पूर्व सीएम कमलनाथ ने ट्वीट किया, 'प्रदेश के युवाओं को रोज़गार देने में पूरी तरह से विफल शिवराज सरकार अब रोजगार माँगने पर युवाओं पर केस दर्ज कर रही है। शिवराज जी, बेरोजगार युवाओं पर दर्ज ये केस तत्काल वापस लीजिए और लंबित पदों पर भर्ती प्रक्रिया शुरू कर युवाओं को रोज़गार देने की पहल कीजिये।' 

राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने भी तत्काल प्रकरण वापस लेने की मांग की है। पूर्व सीएम ने ट्वीट किया, 'बेरोज़गार आदिवासी युवकों को रोज़गार देने बजाय भाजपा सरकार की पुलिस डंडे बरसा कर मुक़दमे दायर कर रही है। तत्काल प्रकरण वापस लिए जाएँ।' 

मध्यप्रदेश कांग्रेस ने इस मामले पर सीएम शिवराज सिंह चौहान को निशाने पर लेते हुए कहा है कि प्रदेश का एक-एक युवा इस तानाशाही का जवाब देने में सक्षम है। एमपी कांग्रेस ने ट्वीट किया, 'मध्यप्रदेश में सम्पूर्ण जंगलराज, —रोज़गार माँग रहे युवाओं पर एफआईआर; शिवराज जी, युवाओं का रोज़गार मांगना गुनाह है, या आप रोज़गार देने में विफल सरकार की नाकामी को दबाने का तानाशाही प्रयास कर रहे हो ? याद रखना ! प्रदेश का एक-एक युवा तुम्हारी इस तानाशाही का जवाब देने में सक्षम है।' 

क्या है पूरा मामला

दरअसल, संयुक्त छात्र मोर्चा ने बीते 23 जून को बड़वानी के कारंजा चौक से कलेक्टोरेट तक रैली निकालकर लंबित पदों पर भर्ती प्रक्रिया शुरू कर रोजगार देने की मांग को लेकर एसडीएम को सीएम के नाम आवेदन दिया था। इस घटना के बाद छात्रों को रोजगार तो नहीं मिला लेकिन पुलिस ने मुकदमा जरूर दर्ज कर लिया। धारा 144 के उल्लंघन का हवाला देते हुए करीब 30 छात्रों के खिलाफ संबंधित धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया। 

पुलिस के इस कार्रवाई से जिले के छात्र आक्रोशित हो गए। इसके बाद शुक्रवार को ऑल इंडिया डेमोक्रेटिक यूथ ऑर्गेनाइजेशन के सदस्यों ने कोतवाली थाने का घेराव किया। इस दौरान करीब ढाई घंटे तक थाने के बाहर बड़ी संख्या में छात्र नारेबाजी करते रहे। नाराज छात्रों ने डीएसपी अजाक कुंदन मंडलोई को सीएम के नाम आवेदन देकर एफआईआर वापस लेने की मांग की है। साथ ही चेतावनी देते हुए कहा है कि यदि तत्काल एफआईआर वापस नहीं ली जाती है तो प्रदेशभर के छात्र शिवराज सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतरेंगे।