इंदौर। मध्य प्रदेश में नगर निगम चुनाव की तारीख़ों का एलान होने से पहले ही चुनावी घमासान की शुरूआत हो गई है। कांग्रेस ने राज्य के सबसे बड़े इंदौर नगर निगम के लिए विधायक संजय शुक्ला को अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया है। उनके नाम का एलान आज कांग्रेस की तरफ़ से नगर निकाय चुनाव के लिए इंदौर की प्रभारी बनाई गईं कांग्रेस विधायक और पूर्व मंत्री विजयलक्ष्मी साधौ ने किया।

विजय लक्ष्मी साधौ ने कहा कि संजय शुक्ला यानि मेरे भाई इंदौर से मेयर पद के लिए कांग्रेस प्रत्याशी होंगे, अब तक उनका नाम अघोषित था। लेकिन आज में उनके नाम की औपचारिक घोषणा करती हूं। इंदौर की जनता इस बार उन्हें शहर का महापौर बनाएगी।

संजय शुक्ला इस वक्त इंदौर-1 विधानसभा सीट से कांग्रेस विधायक हैं। नगरीय निकाय चुनाव की आरक्षण प्रक्रिया में इंदौर नगर निगम में इस बार मेयर पद अनारक्षित घोषित किया गया है, यानि इंदौर में मेयर पद सामान्य हो गया। संजय शुक्ला प्रदेश में कांग्रेस के बड़े नेताओं कमलनाथ और दिग्विजय सिंह दोनों के करीबी माने जाते हैं। कहा जा रहा है कि पूर्व मंत्री जीतू पटवारी और सज्जन सिंह वर्मा ने भी संजय शुक्ला के नाम पर सहमति जताई है। 

संजय शुक्ला 2018 के विधानसभा चुनाव में इंदौर-1 की विधानसभा सीट से पहली बार विधायक बने। उन्होंने बीजेपी नेता सुदर्शन गुप्ता को चुनाव में हराया था। संजय शुक्ला की इंदौर शहर में अच्छी पकड़ मानी जाती है। कांग्रेस ने चुनाव की तारीख़ों का एलान होने से पहले ही महापौर पद के लिए उनके नाम का एलान करके चुनाव में बढ़त ले ली है। अब बीजेपी के सामने भी जल्द से जल्द अपना उम्मीदवार पेश करने की चुनौती होगी। 

बीजेपी भी अब तक इंदौर नगर निगम में मेयर पद के लिए विधायक पर ही दांव लगाती नजर आई है। ऐसे में बीजेपी की तरफ से तीन बार के विधायक रमेश मेंदोला का नाम इस बार मेयर पद की रेस में सबसे आगे नजर आ रहा है।  कैलाश विजयवर्गीय के करीबी मेंदोला इंदौर में बीजेपी का बड़ा चेहरा माने जाते हैं। 

कैलाश विजयवर्गीय हों या मालिनी गौड़ दोनों ही विधायक रहते हुए इंदौर के मेयर बने थे। फिलहाल वर्तमान मेयर मालिनी गौड़ इंदौर-4 विधानसभा सीट से विधायक हैं। कांग्रेस के बाद अगर बीजेपी भी मेयर पद के लिए के किसी विधायक के नाम की घोषणा करती है, ऐसे में इस बार भी पूरी संभावना बन रही है कि अगर संजय शुक्ला और रमेश मेंदोला मेयर का चुनाव लड़ते है तो फिर से इंदौर का मेयर कोई विधायक ही बनेगा। 

इंदौर मध्य प्रदेश का सबसे बड़ा नगर निगम है, जिसमें 85 वार्ड शामिल है। इंदौर की मेयर मालिनी गौड़ ने आखिरी बार इंदौर नगर निगम का 4824 करोड़ 73 लाख 67 हजार रुपए का बजट पेश किया था। जिसमें अकेले साफ-सफाई के लिए 100 करोड़ रुपए का बजट रखा गया था। जो अब तक का इंदौर नगर निगम का सबसे बड़ा बजट था। 

इंदौर नगर निगम पर दो दशक से बीजेपी का क़ब्ज़ा रहा है। 1995 में इंदौर नगर-निगम बना था तब यहां कांग्रेस के मधुकर वर्मा ने जीत दर्ज की थी। लेकिन पिछले 20 साल से इंदौर नगर निगम पर बीजेपी क़ाबिज़ है। साल 2000 में बीजेपी के कैलाश विजयवर्गीय मेयर बने थे। फिलहाल मालिनी गौड़ यहां से बीजेपी की मेयर हैं।