भोपाल। मध्यप्रदेश में कोरोना की लहर अभी धीमी पड़ी ही है कि वायरस के सबसे खतरनाक वैरिएंट की राजधानी भोपाल में एंट्री हो गई है। भोपाल के बरखेड़ा पठानी की एक 64 वर्षीय महिला डेल्टा प्लस वैरिएंट से संक्रमित मिली है। मध्यप्रदेश में डेल्टा प्लस का यह पहला मामला है, वहीं देशभर में ऐसे 6 केस दर्ज किए जा चुके हैं। 

डेल्टा प्लस वैरिएंट ने इसलिए चिंता पैदा कर दी है, क्योंकि इसपर एंटीबॉडी भी बेअसर होते हैं। यह नया वैरिएंट दूसरी लहर में आंतक मचाने वाले डेल्टा वैरिएंट (बी.1.617.2) का ही अपडेटेड वर्जन है। भोपाल के जिस महिला को इसने अपनी चपेट में लिया है वो टीका ले चुकी हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक गांधी मेडिकल कालेज भोपाल से 15 सैंपल जांच के लिए भेजे थे। जांच रिपोर्ट का एक सैंपल में डेल्टा प्लस वैरिएंट मिला है, बाकी में डेल्टा और अन्य वैरिएंट हैं।

ऐंटीबॉडी का भी फायदा नहीं

भोपाल AIIMS के डायरेक्टर डॉ सरमन सिंह ने इस वैरिएंट को लेकर सचेत करते हुए कहा है कि, 'डेल्टा प्लस वैरिएंट के देशभर में बेहद कम केस सामने आए हैं, हालांकि संक्रमण के फैलाव में देर नहीं लगती। नए वैरिएंट पर मोनोक्लोनल एंटीबॉडी का भी फायदा नहीं होता।' उन्होंने आशंका जताई है कि इस वैरिएंट पर कोरोना वैक्सीन भी बेअसर हो सकता है। मध्यप्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने डेल्टा प्लस वैरिएंट को लेकर कहा कि नए वैरिएंट की वे आगे स्टडी करवा रहे हैं। 

यह भी पढ़ें: भारतीय युवाओं के मन में समाया कोरोना का डर, युवाओं में बढ़ी लाइफ इंश्योरेंस की मांग

नए वैरिएंट मिलने के बाद स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया है। जिला प्रशासन ने संक्रमित महिला की कॉन्टैक्ट हिस्ट्री निकाल ली है। महिला के संपर्क में आए करीब 20 लोगों की पहचान कर उनकी जांच की जा रही है। कोरोना वायरस के इस नए वैरिएंट के स्पाइक प्रोटीन दूसरी लहर के दौरान कहर बरपाने वाले डेल्टा वैरिएंट से थोड़े अलग हैं। स्पाइक प्रोटीन, वायरस का वह हिस्सा होता है जिसकी मदद से वायरस हमारे शरीर में प्रवेश करता है और हमें संक्रमित करता है। म्यूटेशन के कारण ही वायरस हमारे इम्यून सिस्टम को चकमा देता है।