भोपाल। मध्य प्रदेश के निमाड़ व मालवा इलाके के किसान एक बार फिर आंदोलन की राह पर हैं। प्रदेश के 4 जिले बड़वानी, धार, खरगोन और खंडवा जिले के किसानों ने सोमवार से आंदोलन शुरू कर दी है। किसानों ने धार के खलघाट में नेशनल हाईवे-52 पर चक्काजाम कर दिया है। किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) और कर्जमाफी समेत अपनी अन्य मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं।
किसानों का कहना है कि पिछले 5 महीने में हमने सरकार को कई आवेदन दिए, लेकिन आज तक कोई सुनवाई नहीं हुई। हमारी मांगें अब केंद्र सरकार से हैं। केंद्र सरकार ने 22 उद्योगपतियों का 11 लाख 41 हजार करोड़ का कर्ज माफ किया है। तो किसानों का 9 हजार करोड़ का कर्ज क्यों माफ नहीं किया जा रहा। जब तक मांगे पूरी नहीं होती, उठेंगे नहीं।
जिस फोरलेन पर सोमवार सुबह से किसान आंदोलन कर रहे हैं। उसकी एक लेन से पुलिस ने ट्रैफिक शुरू कर दिया, जिससे किसान नाराज हो गए और वाहनों के सामने आकर खड़े हो गए। इसके बाद पुलिस ने वाहनों को वापस लौटाना शुरू कर दिया। दोपहर करीब 12.15 बजे किसानों ने हाईवे पर जाम लगा दिया।
बता दें कि किसान महासंघ के पदाधिकारियों ने गांव-गांव जाकर किसानों को आंदोलन में पहुंचने की अपील की थी। इसके बाद चार जिलों के किसान एकजुट होकर आंदोलन के लिए आगे आए। इससे पहले किसान महासंघ के प्रतिनिधियों और कृषि मंत्री एंदल सिंह कंसाना के बीच भोपाल में शनिवार को हुई चर्चा बेनतीजा रही। मंत्री ने CM मोहन यादव के घर में शादी का हवाला देते हुए आंदोलन स्थगित करने का अनुरोध किया, लेकिन किसानों ने मना कर दिया।
रिपोर्ट्स के मुताबिक निमाड़ क्षेत्र के चार जिलों के किसान ट्रैक्टरों से पहुंचे हैं। संगठन ने और बड़ी संख्या में किसानों के आने की संभावना जताई है। संगठन ने किसानों से कंबल, दो जोड़ी कपड़े, आटा, दाल, लकड़ी और कंडे साथ लाने का आग्रह किया है। ऐसे में माना जा रहा है कि आंदोलन लंबा चल सकता है।