सतना। मध्य प्रदेश के सतना जिला अस्पताल में ब्लड ट्रांसफ्यूजन के बाद छह बच्चों के HIV पॉजिटिव पाए जाने का मामला अब राष्ट्रीय स्तर पर गंभीर चिंता का विषय बन गया है। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) ने इस घटना को बेहद गंभीर मानते हुए संज्ञान लिया है। आयोग ने स्पष्ट कहा है कि यदि सामने आए तथ्य सही पाए जाते हैं तो यह देश की सार्वजनिक स्वास्थ्य व्यवस्था में भारी और भयावह लापरवाही को दर्शाता है।

NHRC ने इस मामले के मद्देनजर सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को नोटिस जारी कर चार सप्ताह के भीतर विस्तृत रिपोर्ट तलब की है। आयोग ने यह जानना चाहा है कि उनके राज्यों में ब्लड ट्रांसफ्यूजन से जुड़ी सुरक्षा व्यवस्था क्या है। अब तक ऐसी घटनाओं की रोकथाम के लिए कौन-कौन से ठोस कदम उठाए गए हैं और भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए क्या कार्ययोजना बनाई गई है।

इस गंभीर मामले की जांच तेज करते हुए राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन (NACO) की एक टीम शनिवार को सतना पहुंची थी। टीम ने जिला अस्पताल के ब्लड बैंक से जुड़े सभी रिकॉर्ड की गहन जांच शुरू कर दी है। ब्लड बैंक का संचालन कर रही निजी एजेंसी सूर्या ग्रुप से भी पूरे मामले को लेकर जवाब मांगा गया है। शुरुआती जांच में यह जानने की कोशिश की जा रही है कि ट्रांसफ्यूजन से पहले खून की जांच प्रक्रिया में कहां और कैसे चूक हुई।

जांच के दौरान एक और चौंकाने वाला खुलासा सामने आया है। औषधि निरीक्षक की टीम ने जिला अस्पताल परिसर में सक्रिय एक अवैध ब्लड डोनर गिरोह का भंडाफोड़ किया है। टीम ने दो युवकों को रंगेहाथ पकड़ा है जो मरीजों के परिजनों से चार हजार रुपये लेकर खून देने की सौदेबाजी कर रहे थे। पूछताछ में दोनों आरोपियों ने स्वीकार किया कि वे असुरक्षित तरीकों से खून देते थे और अस्पताल परिसर में घूम-घूमकर जरूरतमंद मरीजों और उनके परिजनों को निशाना बनाते थे।

आरोपियों के कबूलनामे के बाद उनके खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 125(1), 271 और 3(5) के तहत मामला दर्ज किया गया है। इस खुलासे ने न सिर्फ ब्लड बैंक की कार्यप्रणाली बल्कि अस्पताल परिसर की सुरक्षा और निगरानी व्यवस्था पर भी गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

पूरे घटनाक्रम के सामने आने के बाद पीड़ित बच्चों के परिजन और सामाजिक संगठन गुस्से में हैं। उनका कहना है कि यह महज लापरवाही नहीं बल्कि आपराधिक उदासीनता का मामला है और इसमें शामिल हर जिम्मेदार व्यक्ति के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। वहीं, जिला प्रशासन का दावा है कि मामले की हर स्तर पर जांच की जा रही है और दोषी पाए जाने वालों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा।