भोपाल। शुक्रवार को हुई मध्य प्रदेश सरकार की कैबिनेट बैठक में निर्णय लिया गया है कि कैबिनेट के सभी मंत्री मुख्यमंत्री राहत कोष में अपने वेतन का 30 फीसदी हिस्सा मुख्यमंत्री राहत कोष में जमा करेंगे। इस राशि का उपयोग प्रदेश में फैले कोरोना महामारी की रोकथाम के लिए किया जाएगा।



विधायक भी करें सहयोग 

प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी अपने वेतन का तीस फीसदी हिस्सा मुख्यमंत्री राहत कोष में जमा करवा दिया है। मुख्यमंत्री ने ट्विटर पर इसकी जानकारी देते हुए कहा कि 'राहतकार्यों के लिए मैं 30 सितंबर 2020 तक अपने वेतन एवं दोनों भत्तों के 30% राशि को भी मुख्यमंत्री राहत कोष में जमा करवा रहा हूं।'मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण करने से लेकर 31 जुलाई 2020 तक अपने वेतन, सत्कार भत्ता और निर्वाचन क्षेत्र भत्ते का 30% मुख्यमंत्री राहत कोष में जमा करा दिया है।





 इसके साथ ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान मध्य प्रदेश विधानसभा के सभी विधायकों से भी अपने वेतन का तीस फीसदी हिस्सा मुख्यमंत्री राहत कोष में जमा करने के लिए कहा। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने समाज के सभी सक्षम और समर्थ नागरिकों से अपनी पूरी क्षमता के साथ इस रिलीफ फण्ड में योगदान देने की अपील की है।





इसके अलावा प्रदेश के 22 जिलों में dmf (distt mining fund) है, उसका 30 प्रतिशत कोरोना की जरूरत जैसे बेड, पीपीई किट, वेंटिलेटर, अस्पताल इत्यादि में खर्च की जाएगी । इसकी मोनिटरिंग प्रभारी मंत्रियों के द्वारा किया जाएगा।



1 अगस्त से किल कोरोना अभियान 2.0 

शुक्रवार को हुई कैबिनेट बैठक में प्रदेश भर में किल कोरोना अभियान पार्ट-2 की शुरुआत करने का फैसला लिया गया है। बैठक में 1 अगस्त से 14 अगस्त तक किसी भी तरह के राजनीतिक कार्यक्रमों पर रोक लगा दी गई है। बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर कोई सभा पहले से तय है तो नेता वर्चुअल सभा करें। मुख्यमंत्री ने बैठक में कहा कि हम कोरोना पर तभी विजय प्राप्त कर सकते हैं जब सभी कोरोना के रोकथाम के लिए ज़रूरी गाइडलाइन्स का पालन करेंगे। बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने सभी मंत्रियों को अनिवार्य रूप से मास्क का उपयोग करने के लिए कहा। मुख्यमंत्री ने बैठक के दौरान अपने मंत्रियों से कहा कि हमें जनता से अनुशासन का पालन कराना है,अगर मुख्यमंत्री, मंत्री इसका पालन नहीं करेंगे तो कोई नहीं करेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना पर नियंत्रण के साथ साथ हमें अर्थव्यस्था पर भी ध्यान देना है।