भोपाल। मध्य प्रदेश में नगर निकायों का कार्यकाल खत्म हो चुका है लेकिन कोरोना के प्रकोप के चलते अब तक नगर निकाय चुनावों की न तो घोषणा हुई या न ही इनका कार्यकाल बढ़ाया गया है। सोमवार को सरकार के उदासीन रवैए से असमंजस की स्थिति में पहुंचे नगर पालिका अध्यक्षों ने सीएम हाउस का घेराव कर लिया। इन अध्यक्षों में कांग्रेस और बीजेपी दोनों ही दलों के प्रतिनिधि शामिल हैं। 

मध्य प्रदेश में नगर निगम, नगर पालिका तथा नगर परिषद के अध्यक्षों और महापौर पदों पर कार्यकाल बढ़ाने के मुख्यमंत्री से मांग करने के लिए लगभग 200 की संख्या में उनके आवास पहुंचे। अधिकतर अध्यक्षों का कार्यकाल जनवरी फरवरी महीने में ही खत्म हो चुका है। जिसमें केवल उज्जैन के 16 नगर निकाय शामिल नहीं हैं। कोरोना के चलते इन रिक्त पदों पर चुनाव अब तक नहीं हो सके हैं। तो वहीं दूसरी तरफ चुनाव न होने की स्थिति में अब तक इनका कार्यकाल नहीं बढ़ाया गया है। 

अध्यक्ष चुनाव न होने की स्थिति में कार्यकाल को एक साल के लिए बढ़ाने की मांग कर रहे हैं। मुख्यमंत्री आवास का घेराव करने पहुंचे अध्यक्षों का आरोप है कि प्रदेश में सत्ता परिवर्तन होने के बाद, अप्रैल महीने में शिवराज सरकार ने इनके कार्यकाल को बढ़ाने की चर्चा की थी। जिसमें कानून में संशोधन कर अध्याधेश जारी भी कर दिया था। लेकिन सरकार ने इस निर्णय को धरातलीय रूप नहीं दिया। 

उपचुनाव का करेंगे बहिष्कार 
कार्यकाल न बढ़ाए जाने को लेकर अपना गुस्सा ज़ाहिर करने मुख्यमंत्री आवास पहुंचे नगर निकाय के सदस्यों ने उनकी मांगों को न माने जाने की स्थिति में प्रदेश में होने वाले उपचुनावों का बहिष्कार करने की चेतावनी दी है। प्रदर्शन कर रहे अध्यक्षों ने कहा है कि अगर सरकार और मुख्यमंत्री उनकी फ़रियाद नहीं सुनते हैं तो वे सामूहिक तौर पर प्रदेश में 27 सीटों पर होने वाले उपचुनाव का पूर्ण रूप से बहिष्कार करेंगे।