इंदौर। मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने इंदौर के शासकीय महाराजा यशवंतराव चिकित्सालय (एमवायएच) में कथित तौर पर चूहों के काटने से नवजात लड़की की मौत के मामले में राज्य सरकार से जवाब तलब किया है। हाईकोर्ट ने पीड़ित पिता की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए मंगलवार को अन्य प्रतिवादियों को भी नोटिस जारी किया है।
दरअसल, इंदौर के शासकीय महाराजा यशवंतराव चिकित्सालय की गहन चिकित्सा इकाई (आईसीयू) में भर्ती दो नवजातों की कथित रूप से चूहों द्वारा कुतरने से मौत हो गई थी। हालांकि अस्पताल का दावा है कि मृत दोनों नवजातों की मौत की मूल वजह जन्मजात बीमारी थी।
रिपोर्ट के मुताबिक उच्च न्यायालय की इंदौर पीठ के न्यायमूर्ति प्रणय वर्मा ने पीड़ित पिता की याचिका पर नोटिस जारी करके 6 हफ्तों में जवाब मांगा है। याचिका में राज्य सरकार के अलावा MYH अधीक्षक, शासकीय महात्मा गांधी स्मृति मेडिकल कॉलेज डीन केंद्रीय उद्यम एचएलएल इंफ्रा टेक सर्विसेस लिमिटेड के निदेशक को प्रतिवादी बनाया गया है।
बता दें कि इंदौर के शासकीय महाराजा यशवंतराव चिकित्सालय की गहन चिकित्सा इकाई में भर्ती पड़ोसी जिले धार निवासी देवराम की नवजात बेटी की मौत हो गई थी। देवराम ने याचिका में एमवायएच के चूहा कांड की जांच हाईकोर्ट के किसी सेवानिवृत्त न्यायाधीश से जांच कराने और नवजात की मौत को लेकर 50 लाख रुपए मुआवजे की गुहार लगाई है।
प्रदेश के सबसे बड़े सरकारी अस्पतालों में शुमार एमवायएच अस्पताल इंदौर के शासकीय महात्मा गांधी स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय से जुड़ा है। एमवायएच के अधिकारियों ने बताया कि 31 अगस्त और एक सितंबर की दरम्यानी रात अस्पताल की आईसीयू में भर्ती दो नवजात बच्ची पर कथित तौर पर चूहों ने हमला किया जिसके बाद उनकी मौत हो गई थी।
एमवायएच प्रशासन का दावा है कि दोनों नवजात बच्चियों की मौत का कथित तौर पर चूहों के काटने से कोई लेना-देना नहीं है। प्रशासन ने दावा किया कि बच्चियों ने अलग-अलग जन्मजात विकृतियों के कारण पहले से मौजूद गंभीर स्वास्थ्यगत परेशानियों के कारण दम तोड़ा है। आदिवासी संगठन जय आदिवासी युवा शक्ति (जयस) ने दोनों नवजात बच्चियों की मौत के मुद्दे पर मंगलवार को ‘जन क्रांति अभियान न्याय' यात्रा की शुरुआत की है। इस यात्रा की शुरुआत धार जिले के उस स्थान की मिट्टी लेकर की गई, जहां देवराम की नवजात बेटी को दफनाया गया है।