खंडवा। मध्य प्रदेश में टीकाकरण का रिकॉर्ड सेट करने के लिए प्रशासन नए-नए प्रयोग कर रहा है। कोरोना के खिलाफ युद्ध में अब शराब भी हथियार बन गया है। खंडवा में प्रशासन ने वैक्सीन नहीं तो शराब नहीं की नीति लागू कर दी है। इस फैसले के बाद दोनों डोज लिए बगैर लोग जाम नहीं छलका सकेंगे।



खंडवा में आबकारी विभाग ने इस संबंध में आदेश जारी कर कहा है कि जिले के सभी 55 देशी एवं 19 विदेशी ठेकों पर उन्हीं लोगों को शराब दी जाए जिन्होंने कोरोना रोधी टीके के दोनों डोज ले लिए है। आबकारी विभाग के मुताबिक कोरोना वायरस के संक्रमण के रोकथाम के लिए टीकाकरण का महाअभियान चलाया जा रहा है। इस आदेश का उद्देश्य जिला के सभी वयस्क नागरिकों का टीकाकरण कराया जाना है। 



शराबी कभी झूठ नहीं बोलते: आबकारी अधिकारी



खंडवा के आबकारी अधिकारी आरपी करार का एक बयान भी सामने आया है जिसमें वे अपने वर्षों के अनुभव के आधार पर बता रहे हैं कि शराबी कभी झूठ नहीं बोलता। मीडियाकर्मियों ने इस संबंध में आबकारी अधिकारी से जब पूछा कि ठेके पर यह वेरिफाई कैसे होगा कि किसने दोनों डोज ले ली है। इसपर उन्होंने कहा, 'हमारा खुद का अनुभव है कि दारू पीने वाला हमेशा सत्य ही बोलता है, कभी झूठ नहीं बोलता। शराबी ईमानदार होते हैं।' 





आबकारी अधिकारी का यह बयान सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है और लोग उन्हें बेहद तेजस्वी अधिकारी बता रहे हैं। दरअसल, भारत में टीकाकरण पूरी तरह से स्वैछिक है, इसके लिए किसी को डराया, धमकाया या मजबूर नहीं किया जा सकता है। ऐसे में प्रशासन रिकॉर्ड टीकाकरण के लिए तरह-तरह के हथकंडे अपना रही है। हाल ही में सिंगरौली कलेक्टर ने अपने अजीबोगरीब फरमान में कहा था कि जो लोग टीका लिए बगैर कार्यालय आते हैं उनके खिलाफ एफआईआर की जाएगी।