भोपाल। उत्तर प्रदेश के हाथरस में दलित युवती से गैंगरेप और बीजेपी सरकार की अमानवीयता पर देशभर में ग़ुस्सा है। इसी बीच अब मध्य प्रदेश में भी ऐसा ही गैंगरेप हुआ है और यहां भी पुलिस ने पीड़िता की शिकायत पर सुनवाई नहीं की है। घटना प्रदेश के नरसिंहपुर जिले में चिचली थाना क्षेत्र की है।  32 वर्षीय इस महिला के साथ चार दिन पहले तीन लोगों ने कथित तौर पर गैंगरेप किया था। गैंगरेप के बाद पुलिस ने एफआईआर दर्ज नहीं की।  परेशान होकर पीड़िता ने खुदकुशी कर ली।



28 सितंबर को नरसिंहपुर के रीछई गांव में रहने वाली दलित महिला खेत में घास काटने गई थी जब पड़ोस में रहने वाले तीन आरोपियों ने वहीं पर उसके साथ गैंगरेप किया। परिजनों का आरोप है कि वे शिकायत लेकर गोटीटोरिया चौकी और चीचली थाने गए थे लेकिन पुलिस ने एफआईआर दर्ज नहीं की। 



पीड़ित महिला के परिजनों का आरोप है कि थाने में पुलिस ने उन्हें मेडिकल जांच के लिए कहा। अगले दिन जब पीड़िता और मेडिकल रिपोर्ट के साथ वे थाने पहुंचे तो पुलिस ने परिजनों को ही थाने में बैठा लिया। पीड़िता के साथ दुर्व्यवहार कर किया परिजनों को छोड़ने के बदले पैसे मांगे। पीड़िता के पति और ससुर का कहना है कि पुलिस ने उनके खिलाफ धारा 151 लगा दी। उन्हें रात 9 बजे तक थाने में रोककर रखा और पैसे लेने के बाद ही घर जाने दिया। चार दिन तक पुलिस वाले पीड़िता और परिजनों को भटकाते रहे और अंत में उसने अपनी जान दे दी।





 



महिला ने आत्महत्या की तब सुनी सरकार ने 



परेशान महिला ने जब आत्महत्या कर ली और मामला मीडिया में आया तब मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एक्शन लिया। गाडरवारा के अनुविभागीय पुलिस अधिकारी (एसडीओपी) सीताराम यादव ने शुक्रवार को मीडिया को बताया कि मामले में गोटीटोरिया पुलिस चौकी के प्रभारी सहायक उपनिरीक्षक मिश्रीलाल कोडपे को निलंबित किया गया है। गैंगरेप के आरोप में अरविंद चौधरी, परसू चौधरी और अनिल राय के खिलाफ मामला दर्ज कर अरविंद को गिरफ्तार कर लिया गया है, जबकि दो अन्य आरोपियों की तलाश की जा रही है।