ग्वालियर। मध्य प्रदेश पुलिस विभाग में एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है। ग्वालियर रेंज में दस पुलिसकर्मियों को प्रमोशन देने के बाद फिर से डिमोट कर दिया गया है। बताया जा रहा है कि यहां 10 हेड कांस्टेबल को पहले तो प्रमोशन देकर सहायक उपनिरीक्षक (ASI) बनाया गया और अब फिर से हेड कांस्टेबल बना दिया गया है। बताया जा रहा है कि इस कार्रवाई से दुखी पुलिसकर्मी अब ड्यूटी पर आने से भी कतरा रहे हैं। इस मामले में मध्य प्रदेश कांग्रेस ने राज्य की शिवराज सरकार को निशाने पर लेते हुए पुलिसकर्मियों से धोखाधड़ी करने का आरोप लगाया है।

मध्य प्रदेश कांग्रेस ने ट्वीट किया है, 'शिवराज ने पुलिस कर्मियों से किया धोखा, चार दिन बाद ही वर्दी से उतार लिए सितारे; झूठों के सरताज शिवराज सिंह ने हेड कांस्टेबल को प्रमोट कर सहायक उपनिरीक्षक बनाया, वाहवाही लूटी, खबरें छपवाई और चार दिन बाद प्रमोशन वापस ले लिया। शिवराज जी, लोगों की भावनाओं से मत खेलो।" 

दरअसल, बीते तीन मार्च को ग्वालियर रेंज के 408 हेड कांस्टेबल को एएसआई बनाया गया था। इसके बाद थाना इंचार्ज, सीएसपी और एडिशनल एसपी ने अपने-अपने कार्यालय में इनकी वर्दी पर स्टार लगाकर सभी को थानेदार का अधिकार दे दिया। सभी हेड कांस्टेबल के वर्दी पर स्टार लगाते हुए अफसरों के फोटो सोशल मीडिया पर वायरल होने के साथ बधाई और पार्टियों का दौर भी चला। 

लेकिन अब अचानक डीआईजी रेंज ग्वालियर ने 10 एएसआई को फिर से हेड कांस्टेबल बनाने का संशोधित आदेश जारी कर दिया, जबकि कार्यवाहक प्रभार का आदेश जारी करने से पहले दो सप्ताह तक स्क्रूटनी की गई थी। अब स्थिति ऐसी है कि ये पुलिसकर्मी घर से लेकर कार्यालय तक जश्न मनाने के बाद दुबारा उसी पद पर काम करने में हीन भावना महसूस कर रहे हैं। ये सभी ड्यूटी जाने से कतराने लगे हैं। मामले पर मध्य प्रदेश डीजीपी विवेक जौहरी ने कहा है कि ऐसा क्यों हुआ वे इस बात की जानकारी ले रहे हैं।