भोपाल। कुख्यात अपराधी विकास दुबे को कानपुर ले जाने की जल्‍‍‍‍दी में पुलिस की गाड़ी ने राजगढ़- ब्यावरा टोल प्लाज़ा पर रखे स्टॉपर कॉन  को ही उड़ा दिया। तेज रफ्तार गाड़ी में फंसा स्टॉपर कॉन पुलिस के वाहन साथ करीबन दस फीट तक घिसटता चला गया। टोल प्लाज़ा कर्मचारी ने काफी मशक्क्त के बाद उस स्टॉपर कॉन को पुलिस वाहन से निकाला। इसके बाद काफिला आगे बढ़ा।

क्या एनकाउंटर की पटकथा एमपी में ही लिखी जा चुकी थी?

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार विकास दुबे का एनकाउंटर होने से ठीक पहले सुबह तकरीबन 6.30 बजे राजगढ़ टोल प्लाज़ा की यह घटना हुई। पुलिस वाहन के ठीक पीछे मीडियाकर्मियों के वाहन थे। जब पत्रकारों की गाड़ियां संचेड़ी क्षेत्र के टोल प्लाज़ा तक पहुंची कि तभी एक पुलिस अधिकारी ने गाड़ियों को आगे जाने से रोक दिया। दैनिक हिंदी अखबार भास्कर के मुताबिक पत्रकारों के रोके जाने को लेकर एक पुलिस अधिकारी से करीब 20 मिनट तक तक बहस हुई। इसके बाद सभी वाहनों को जाने दिया गया। आगे जाकर कानपुर नगर की सीमा में दाखिल होने के कुछ ही मीटर की दूरी पर विकास का वाहन पलटा हुआ था, हालांकि तब तक हिस्ट्रीशीटर को घायल अवस्था में पुलिस अस्पताल ले जा चुकी थी।