भोपाल। बिहार चुनाव से पहले निर्वाचन आयोग द्वारा कराए गए स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन को अब मध्य प्रदेश में भी किया जाएगा। इसकी तैयारियां अपने अंतिम चरणों में पहुंच गई है। आयोग ने स्पष्ट कर दिया है कि 9 अक्टूबर से प्रदेश की मौजूदा मतदाता सूची को फ्रीज कर दिया जाएगा। यानी प्रक्रिया पूरी होने तक किसी भी तरह का नाम जोड़ने, हटाने या संशोधन करने की अनुमति नहीं होगी। इसी फ्रीज की गई सूची के आधार पर जिले में मतदाताओं की जांच और सत्यापन कार्य किया जाएगा।
निर्वाचन आयोग ने बुधवार को कलेक्ट्रेट में आयोजित बैठक में सभी प्रमुख राजनीतिक दलों को एसआईआर से जुड़ी रूपरेखा से अवगत कराया। बैठक में एडीएम प्रकाश नायक, उप जिला निर्वाचन अधिकारी भुवन गुप्ता और विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि उपस्थित थे। उप जिला निर्वाचन अधिकारी भुवन गुप्ता ने बताया कि 9 अक्टूबर के बाद मतदाता सूची में किसी भी प्रकार का परिवर्तन नहीं किया जा सकेगा। हालांकि, मध्य प्रदेश में एसआईआर की सटीक तारीख अभी तय नहीं हुई है, लेकिन बिहार में हुए एसआईआर को मॉडल मानते हुए तैयारियां शुरू कर दी गई हैं।
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भोपाल जिले में आखिरी बार मतदाता सूची का एसआईआर साल 2003 में किया गया था। अब 22 साल बाद साल 2025 में यह प्रक्रिया दोबारा शुरू की जा रही है। इन दो दशकों में जिले में मतदाताओं की संख्या में बढ़ोतरी हुई है। साल 2003 में जिले में चार विधानसभा क्षेत्रों में कुल 11 लाख 81 हजार 531 मतदाता और 1,090 मतदान केंद्र थे। जबकि, 2025 में सात विधानसभा क्षेत्रों में 21 लाख 18 हजार 364 मतदाता और 2,029 मतदान केंद्र हैं। इस अवधि में कुल 9 लाख 36 हजार 833 नए मतदाता जुड़े हैं। जिन मतदाताओं के नाम 2003 की सूची में पहले से दर्ज हैं उन्हें किसी दस्तावेज की आवश्यकता नहीं होगी। लेकिन सभी मतदाताओं को गणना पत्रक भरना अनिवार्य रहेगा। यह पत्रक बूथ लेवल ऑफिसर (बीएलओ) घर-घर जाकर मतदाताओं को उपलब्ध कराएंगे। इस संबंध में निर्वाचन आयोग से विस्तृत निर्देश जल्द जारी किए जाएंगे।
जिला निर्वाचन कार्यालय ने बुधवार को भोपाल नगर निगम की फोटोयुक्त मतदाता सूची का अंतिम प्रिंट भी निकाला। इस अवसर पर आयोजित स्टैंडिंग कमेटी की बैठक में राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों को बताया गया कि वे 17 अक्टूबर तक अपने दावे और आपत्तियां दर्ज करा सकते हैं। इन दावों और आपत्तियों के आधार पर सूची में आवश्यक संशोधन किए जाएंगे। प्रकाशित सूची के अनुसार भोपाल नगर निगम के 85 वार्डों में कुल 17 लाख 90 हजार 905 मतदाता हैं। इनमें 9 लाख 18 हजार 527 पुरुष, 8 लाख 72 हजार 914 महिलाएं और 164 अन्य मतदाता शामिल हैं। वहीं, ऐसे युवक-युवतियां जिनकी आयु 1 जनवरी 2026 को 18 वर्ष पूरी हो रही है, वे नए मतदाता कार्ड के लिए आवेदन कर सकेंगे।
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इस बीच कांग्रेस के जिलाध्यक्ष प्रवीण सक्सेना ने एसआईआर प्रक्रिया में आधार को पहचान दस्तावेज के रूप में शामिल नहीं किए जाने पर आपत्ति जताई है। उनका कहना है कि जिला निर्वाचन कार्यालय ने आधार को मान्यता प्राप्त पहचान प्रमाणों में शामिल करने संबंधी कोई जानकारी नहीं दी है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने समग्र आईडी, वोटर कार्ड, संपत्ति रिकॉर्ड और बैंक खातों को आधार से लिंक कर दिया है। लेकिन निर्वाचन आयोग की मतदाता सूची में इसे पहचान दस्तावेज के रूप में नहीं जोड़ा गया है। इस मुद्दे पर पार्टी स्तर पर कानूनी लड़ाई लड़ी जाएगी।