नर्मदापुरम में झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई, तीन क्लीनिक सील, दवाएं जब्त

नर्मदापुरम जिले में स्वास्थ्य विभाग ने इटारसी और डोलरिया क्षेत्र में बिना डिग्री के इलाज कर रहे तीन झोलाछाप डॉक्टरों के क्लीनिक सील किए। छापेमारी में एलोपैथिक दवाएं और ड्रिप मिलीं।

Updated: Oct 09, 2025, 11:25 AM IST

नर्मदापुरम। नर्मदापुरम जिले में बिना डिग्री के इलाज कर रहे झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ स्वास्थ्य विभाग ने सख्त कदम उठाया है। बुधवार को इटारसी और डोलरिया क्षेत्र में की गई छापेमारी के दौरान तीन क्लीनिकों को सील कर दिया गया। जांच में पाया गया कि ये लोग बिना किसी मान्यता या डिग्री के मरीजों को एलोपैथिक दवाएं दे रहे थे और ड्रिप लगा रहे थे। टीम ने मौके से भारी मात्रा में दवाएं भी जब्त की हैं।

जांच टीम की पहली कार्रवाई इटारसी के खेड़ा क्षेत्र में स्थित ‘मां क्लीनिक’ में हुई। यहां तनमय गोस्वामी नाम का व्यक्ति खुद को डॉक्टर बताकर एलोपैथिक इलाज कर रहा था। जब उससे डिग्री, डिप्लोमा और क्लीनिक का रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट मांगा गया तो वह कोई भी प्रमाण नहीं दिखा सका। आवश्यक दस्तावेज न होने पर टीम ने क्लीनिक को सील कर दिया।

दूसरी कार्रवाई डोलरिया के रामपुर गुर्रा क्षेत्र में की गई, जहां अशोक कुमार बागची नामक व्यक्ति दो कमरों में अस्पताल चला रहा था। छापेमारी के दौरान टीम को वहां दो मरीजों को ड्रिप लगी हुई मिली। पूछताछ में अशोक बागची भी अपनी चिकित्सा योग्यता का कोई प्रमाण नहीं दिखा सका। टीम ने वहां से एलोपैथिक दवाओं का स्टॉक जब्त कर क्लीनिक को सील कर दिया।

तीसरी कार्रवाई भी रामपुर गुर्रा में ही एक बेनाम क्लीनिक पर हुई। यहां पल्लव मंडल नाम का व्यक्ति बिना किसी मान्यता के इलाज कर रहा था। टीम ने जब उससे रजिस्ट्रेशन और डिग्री के दस्तावेज मांगे, तो वह घबरा गया। कोई प्रमाण नहीं होने की वजह से तत्काल उस क्लीनिक को भी बंद कर दिया गया।

फर्जी डॉक्टरों के खिलाफ इस कार्रवाई का नेतृत्व कर रहे डीएचओ डॉ. सुजन सेंगर ने बताया कि जिन भी स्थानों पर पात्रता और रजिस्ट्रेशन संबंधी दस्तावेज नहीं मिले, वहां तुरंत कार्रवाई की गई। उन्होंने कहा कि झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ यह अभियान जिलेभर में लगातार जारी रहेगा ताकि लोगों की जान से खिलवाड़ करने वालों पर सख्त रोक लगाई जा सके।