खरगोन। मध्य प्रदेश में इस साल भी बेमौसम बारिश और अतिवृष्टि से किसानों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ा है। मालवा-निमाड़ क्षेत्र में सोयाबीन की फसल अंत समय में बर्बाद हो गई। लेकिन नुकसान को लेकर न तो कोई सर्वे हुआ है और न ही किसानों को मुआवजा मिल रहा है। ऐसे में परेशान होकर किसान अब अपनी ही फसल में आग लगाने को मजबूर हो गए हैं।
खरगोन जिले के कसरावद के किसान कमलेश हार्डिया ने अपनी 5 बीघा में लगी सोयाबीन की फसल को जला दिया। हार्डिया का कहना है अति वर्षा से फसल पूरी तरह से खराब हो गई थी। इसलिए खेत में ही जलाकर नष्ट कर दिया। किसान के मुताबिक 15 हजार रुपए प्रति बीघा सोयाबीन फसल की लागत होती है। इस हिसाब से जुताई, बीज, खाद, कीटनाशक, कटाई मिलाकर कुल 75 हजार रुपए फसल की लागत होती है। लेकिन बेमौसम बारिश से सब बर्बाद हो गया।
किसान द्वारा खेत में आग लगाए जाने का वीडियो शेयर कर कांग्रेस नेता अरुण यादव ने राज्य सरकार पर निशाना साधा है। यादव ने ट्वीट कर लिखा, 'अपनी फसलों को आग लगाने के लिए मजबूर प्रदेश के किसान। मामला खरगोन जिले के कसरावद का है जहां कमलेश हाडिया ने अफलन की वजह से अपनी सोयाबीन की फसल में आग लगा दी। किसान विरोधी भाजपा सरकार ने न फसलों का सर्वे करवाया न किसानों को मुआवजा दिया, जिससे किसान अपने आपको ठगा समझ रहा है।'
बता दें कि खरगोन जिले में सामान्य औसत बारिश 825 मिमी से लगभग 6 इंच ज्यादा बारिश दर्ज है। आखिरी के दौर की बारिश से सोयाबीन फसल को भारी नुकसान पहुंचा है। सोयाबीन की फसलों में फली तो लगी लेकिन दाने परिपक्व नहीं हुए। कटाई व थ्रेसिंग में फसल लागत भी नहीं मिलती देख कसरावद के किसान कमलेश हार्डिया को यह कदम उठाना पड़ा।